Monday, 24 November 2025

ज्योतिषी

खण्डग्रास चंद्रग्रहण 28 को 19 वर्ष पुर्व इसी तारीख नक्षत्र राशि पर घटित हुआ था

Paliwalwani
खण्डग्रास चंद्रग्रहण 28 को 19 वर्ष पुर्व इसी तारीख नक्षत्र राशि पर घटित हुआ था
खण्डग्रास चंद्रग्रहण 28 को 19 वर्ष पुर्व इसी तारीख नक्षत्र राशि पर घटित हुआ था

महर्षि बाबूलाल शास्त्री : टोक राजस्थान

टोंक :

  • खण्डग्रास चंद्रग्रहण आश्विन शुक्ला पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर सन 2023 को घटित होगा। चन्द्रोदय के समय यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में शुभारंभ से अन्त तक सभी स्थानों में दिखाई देगा, इस ग्रहण का सुतक 9 घंटे पहले सायंकाल 4.05 बजे से शुरू हो जायेगा। ग्रहण का स्पर्श अद्र्ध रात्रि बाद 01.05 बजे से शुरू हो कर ग्रहण का मध्य अद्र्ध रात्रि 01.44 बजे, ग्रहण मोक्ष अद्र्ध रात्रि बाद 02.22 बजे होगा। ग्रहण की अवधि 01 घंटे 17 मीनिट होगी।  सम्पूर्ण भारत के अलावा विदेशों में भी दिखाई देगा।

मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि पुर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर शनिवार को सूर्योदय से पूर्व 4.17बजे से अद्र्ध रात्रि बाद 01.53  बजे तक रहेगी। अश्विनी नक्षत्र सुबह 7.31 से अद्र्धरात्रि बाद 5.54 बजे सूर्योदय से पूर्व तक एवं मेष का चन्द्रमा रहेगा, भद्रा सुबह 7.32से  दोपहर 3.03 बजे तक स्वर्ग लोक की शुभ है, यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में घटित हो रहा है, मेष राशि में चंद्र, राहु, गुरु की युति है एवं कुम्भ राशि स्थित शनि की तीसरी द्रष्टि एवं तुला राशि स्थित सूर्य मंगल की सप्तम दृष्टि मेष राशि स्थित चन्द्र राहु गुरु पर है, जो पाप ग्रहों के प्रभाव में है, इसलिए इस राशि एवं नक्षत्र में उत्पन्न जातकों को चन्द्रमा राहु एवं राशि स्वामी मंगल का जाप अनुष्ठान दान आदि करना चाहिए।

महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि यही योग 19 वर्ष पूर्व चन्द्र ग्रहण शरद पूर्णिमा पर इसी तारीख नक्षत्र राशि 28 अक्टूबर 2004 गुरुवार को अश्विनी नक्षत्र मेष राशि पर घटित हुआ था, जिसमें मेष राशि में चंद्र राहु की युति, सुर्य की सप्तम दृष्टि मंगल की अष्टम द्रष्टि एवं शनि की दशम द्रष्टि से मेष राशि स्थित चन्द्र राहु पीडि़त हो रहा था, ग्रहों का योग बना था वो 28 अक्टूबर शनिवार 2023 को  घटित हो रहा है।

12 राशियों पर खण्डग्रास चंद्रग्रहण का प्रभाव राशि अनुसार मेष राशि, खण्डग्रास ग्रहण अश्विनी नक्षत्र पर घटित होने से पूर्ण प्रभावी होगा। अत: इस राशि वालों को चंद्र ग्रहण के दर्शन नहीं करने चाहिए, वृषभ राशि धन हानि चिन्ता, मिथुन राशि धन लाभ उन्नति, कर्क राशि रोग कष्ट भय सिंह राशि सन्तान सम्बंधी चिन्ता, कन्या राशि खाधान्न लाभ तुला राशि स्त्री, पति सम्बन्धित परेशानी वृश्चिक राशि संघर्ष  चिन्ता धनु राशि आय से खर्च अधिक, मकर राशि कार्य सिद्धि लाभ कुम्भ राशि धन लाभ उन्नति मीन राशि धन हानि अनावश्यक यात्रा होगी। महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि ग्रहण के सुतक एवं ग्रहण काल में स्नान दान जप पाठ मन्त्र जाप तीर्थ स्नान ध्यान हवन आदि करना यथाशक्ति जप पाठ ग्रह शांति चन्द्र राहु मंगल की शान्ति एवं उपाय करना चाहिए।

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