आपकी कलम
चंद्रभागा के नाम उजाला की अरदास...
सम्पत उजाला पत्रकारहे वेवर महादेव सावन माह भी बीत गया, नई उतरी चंद्र भागा।
भाद्रपद महीने में चला देना ऐनीकट, नही तो शहर बनेगा अभागा।।
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प्रभु भादवा शुरू हुआ है फिर भी, बरस रहे हे बादल आधा आधा।
इंद्र ने कृपा करी अब तो, मां अदरशीला आप भी देर मत करो ज्यादा।।
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पूरे सावन में प्रभु दर्शन को, उत्साह उमंग से पहूची सखियां।
वेवर महादेव ऐनीकट को, छलकता देखने तरस रही अंखीया।।
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सावन भादो महीना हे प्रिय सबको, सब रहे व्रत में आगा।
लेकिन व्रत उपवास भी फीके होंगे, जब नही चलेगी चंद्र भागा।।
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सरदारगढ़ सालम सागर भरा देखने, अब फाट रही हर नजर।
हे वेवर महादेव इस भादो में, पूरी करना नदी चलने की कसर।।
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महादेव कृपा करना हो पीने का पानी, बुझे हर घर की प्यास।
आमेट नदी उतरने से ही होगा, क्षेत्र का भला ये उजाला की अरदास।।
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● सम्पत उजाला पत्रकार बोईसर मुंबई, कवि आमेट मेवाड़
● संस्थापक सदस्य, साकेत साहित्य संस्थान आमेट