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पद्म भूषण सम्मान : दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा का अद्वितीय योगदान : रविंद्र आर्य

रविंद्र आर्य लेखक
पद्म भूषण सम्मान : दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा का अद्वितीय योगदान : रविंद्र आर्य
पद्म भूषण सम्मान : दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा का अद्वितीय योगदान : रविंद्र आर्य

दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा : समाज सेवा और अध्यात्म की प्रेरणा

दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा एक प्रसिद्ध महिला भारतीय संत, समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जीवन समाज के कल्याण, धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए समर्पित है। वह अपनी देशभक्ति, सामाजिक सेवा और आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए विख्यात हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा का जन्म 2 जनवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर झुकाव था। वे भारतीय संस्कृति, धर्म और समाज सुधार में गहरी रुचि रखती थीं।

आध्यात्मिक यात्रा

साध्वी ऋतंभरा ने अपने जीवन को आध्यात्मिकता और समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के साथ मिलकर धार्मिक और सामाजिक आंदोलनों में भाग लिया। वे भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयासरत रहीं।

योगदान

  • सामाजिक सेवा : साध्वी ऋतंभरा ने महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कई पहल शुरू की हैं। उनका सबसे प्रमुख प्रकल्प "मातृ सदन" है, जो अनाथ बच्चों, विधवाओं और गरीब महिलाओं के लिए काम करता है।
  • शिक्षा : उन्होंने ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बच्चों को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा देने पर विशेष ध्यान दिया।
  • धर्म और संस्कृति : साध्वी ऋतंभरा अपने प्रवचनों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रचार करती हैं। वे भगवद गीता और रामायण जैसे ग्रंथों के महत्व को लोगों तक पहुँचाने का कार्य करती हैं।
  • अयोध्या आंदोलन : साध्वी ऋतंभरा ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई। उनके ओजस्वी भाषणों ने आंदोलन को ऊर्जा और समर्थन प्रदान किया।

पद्म भूषण सम्मान

2025 में, साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारतीय समाज और धर्म में उनके योगदान को मान्यता देता है।

साध्वी ऋतंभरा के विचार

उनके प्रवचन सच्चाई, धर्म और मानवता के प्रति प्रेम पर आधारित होते हैं। उनका मानना है कि भारतीय संस्कृति ही विश्व में शांति और सद्भावना ला सकती है।

संस्थाएं और प्रकल्प

  • परमार्थ निकेतन : उनकी संस्थाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों की सेवा की जाती है।
  • वात्सल्य ग्राम : यह परियोजना महिलाओं और बच्चों के लिए समर्पित है, जहाँ उन्हें शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा प्रदान की जाती है।

दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। उनकी समाज सेवा, धर्म प्रचार और राष्ट्रभक्ति के प्रति समर्पण ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी सम्मान दिलाया है। उनकी सोच और कार्यों से हमें प्रेरणा मिलती है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

लेखक : रविंद्र आर्य 9953510133

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