आपकी कलम
तोई नजर नी आया : राजेन्द्र सनाढ्य राजन
paliwalwaniरूँकड़ा रे पत्ता ने,
खूब हाथाऊँ हलाया,
तोई आप नजर नी आया।
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हरेक कण ने रे-रेन,
मसळी न चपटा वणाया,
तोई आप नजर नी आया।
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उन्डा-उन्डा पाणी मा,
खूब गठींबा लगाया,
तोई आप नजर नी आया।
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मंदर-मंदर जाई न,
खूब घंटा वजाया,
तोई आप नजर नी आया।
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तलक-छापा लगाई न,
खूब भजन-वजन गाया,
तोई आप नजर नी आया।
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तीरथ-तीरथ जाई न,
खूब चक्कर लगाया,
तोई आप नजर नी आया।
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वरत कर-कर न म्हारा,
फेंफड़ा ऊँचा परा आया,
तोई आप नजर नी आया।
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आलती-पालती मार न,
खूब त्रिकूटी पे ध्यान लगाया,
तोई आप नजर नी आया।
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अबे आप ई वतावों म्हनें,
आप किस्तर आवों नजर,
राजन मा क ई खोट वे तो,
आप खूब लगावों हन्टर।
● राजेन्द्र सनाढ्य राजन
व्याख्याता- रा उ मा वि नमाना
नि-कोठारिया, जि-राजसमंद
(राजस्थान) 9982980777