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बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने बच्चों को सूखे नशे के खिलाफ किया जागरूक

paliwalwani
बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने बच्चों को सूखे नशे के खिलाफ किया जागरूक
बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने बच्चों को सूखे नशे के खिलाफ किया जागरूक

तमाम फ़िल्म इंडस्ट्री हस्तियों शंकर सिहानी, परमजीत हंस, रवेश डोगरा, विश्वजीत सोनी, अमर सायरे, विक्की चड्डा ने सूखा नशे को अभिशाप बताया

रिपोर्ट : रविंद्र आर्य 

सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक रविंद्र आर्य बताते है की करीब 2 साल से वह बालिक एवं नाबालिक बच्चों के लिए सूखा नशा के लड़ाई लड़ रहे है, वजह ओर कारण साफ है की सूखे नशे से बच्चों की नन्ही ज़िंदगी बर्बादी की ओर जाती देख रविंद्र आर्य ने यह कदम उठाया।

ऐसा नहीं है वह अकेले इस लड़ाई मे शामिल हो तमाम बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्ट, राइटर, ओर सिंगर को इस मुहीम मे देश ओर विदेश की सेलिब्रिटी को सूखे नशे के खिलाफ जोड़कर ऱखा। वीडियो के माध्यम से सभी सेलिब्रिटी ने भारत खण्ड मे उत्तर प्रदेश के जिला ग़ाज़ियाबाद के लिए पहले मुहीम चलाया था। उसके बाद धीरे-धीरे भारत वर्ष मे बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने बच्चों को जागरूक किया, बॉलीवुड सेलिब्रिटी फिल्म की डायरेक्शन एवं सिंगिंग शूट मे व्यस्त रहने के बाबजूद वीडियो बना बच्चों को जागरूक किया।

जिसमे की शामिल सेलिब्रिटी कनाडा से हिंदी ओर पंजाबी सिंगर परमजीत हंस जिनको पंजाब बीजेपी सांसद प्रत्याशी सिंगर हंस राज हंस के भाई के रुप मे भारत मे जाना जाता है। हिंदी गानों के मशहूर सिंगर शंकर सिहानी, डायरेक्टर एवं राइटर रवेश डोगरा, मिमिक्री एक्टर जूनियर प्रेम चोपड़ा विश्वजीत सोनी, एक्टर जूनियर जॉनी लीवर अमर सायरे, एवं एक्टर जूनियर कादर खान विक्की चड्डा ने मुख्यरुप से सभी बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने इस मुहीम मे सहयोग किया।

बताते चले की यें सूखे नशे की कार्यशैली आसान नहीं थी इस मुहीम को प्रैक्टिकल के रुप मे सामाजिक कार्यकर्ता के रुप मे रविंद्र आर्य ने गली - गली मोहल्ले मे जाकर बच्चों की दुर्दशा देख वीडियो बनाकर स्थानीय प्रशासन को भेजते रहे। जहाँ सूखे नशे को चावल, पिनक, इमली के अलावा म्याऊं म्याऊं आदि के नाम से कोड के रुप मे बच्चों को यह सूखा जहर दिया जा रहा था, वही जाकर सूखा नशा बेचने वाले नशाखोरों के अड्डों पर नशा बेचते हुए वीडियो भी बनाया। लेकिन शुरुआत मे प्रशासन बहुत निराशा मिली।

उसके उपरांत बॉलीवुड सेलिब्रिटी के सहयोग से यह कठिन कार्य पूर्ण हो सका। सूखे नशे में एनडीपीएस एक्ट का लागू ना होना नशाखोरों के हौसले को बढ़ावा देता गया। एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेस) एक्ट के तहत सूखे ओर गीले नशे, जैसे हेरोइन, कोकीन, और गांजा, पर सख्त प्रतिबंध है, लेकिन सूखे नशों पर इस कानून की स्पष्टता की कमी है। इस वजह से, सूखे नशों का उपयोग करने वालों को कम कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके हौसले बढ़ते हैं।

इस स्थिति से निपटने के लिए कानून में संशोधन और सूखे नशों को भी शामिल करना आवश्यक है ताकि नशाखोरी पर सख्ती से रोक लगाई जा सके। भोला का गोला, महादेव गोला, भोला मुनाका आदि भांग के रुप मे खुलेआम किराना परचूने ओर पान की दुकानों पर बेचा जा रहा है। जिसमे हिन्दू धर्म के सनातनी भगवान भोलेनाथ का प्रसाद के रुप मे बच्चों को बेचा जाता रहा है। जब की सूखे नशे मे भांग की राज्य सरकार द्वारा लाइसेंस की विधि है।

जिसमे 18 साल से ज्यादा उम्र के देने का प्रावधान है परन्तु बेचने वालो ने जिसकी धज्जिया उड़ा कर फेक रखी है इसी सूखे नशे मे ओमिनी केमिकल ट्यूब को नावालिक बच्चों की स्टेशनरी दुकानों पर खुलेआम बेचा जा रहा है। पंचर की ट्यूब के रुप मे रुमाल आदि मे सूंघने से यह बच्चों का दिमाग़ सुन्न कर देती है जिस कारण ग़ाज़ियाबाद के दो भाई बहन कोमल के भाई को एक एनजीओं द्वारा इलाज के दौरान जान भी गवानी पड़ी। सूखा नशा का बच्चों पर हानिकारक प्रभाव करता है। 

पोद्दार हॉस्पिटल के डायरेक्ट डॉ. आर. के. पोद्दार जर्नल सर्जन गाo बाद से बताते है की सूखा नशा, जिसे इनहेलेंट्स के रूप में भी जाना जाता है, बच्चों के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसका उपयोग बच्चों के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है, जिससे स्मृति क्षय, एकाग्रता में कमी, और निर्णय लेने की क्षमता में कमी हो सकती है।

इसके अलावा, श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हुए यह सांस लेने में कठिनाई और फेफड़ों की अन्य समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे अवसाद, चिंता, और आत्महत्या के विचार उत्पन्न हो सकते हैं। शारीरिक विकास में बाधा पहुंचाते हुए, सूखा नशा बच्चों में कुपोषण और विकास संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए, बच्चों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना अत्यंत आवश्यक है।

सूखा नशा से बच्चों को होने वाली इन बीमारियों और समस्याओं को देखते हुए, इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करें, जिससे वे एक उज्जवल और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकें।

सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक +91 9953510133

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