आपकी कलम
पढ़्या-लिख्या धूळों खाई रा
paliwalwani
ओ क ई वैई रो राजन,
पढ़्या-लिख्या धूळों खाई रा,
आतंकवादी वण- वण न,
जगा-जगा बम फोड़ी रा।
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स्कूल पाछे भण्या दिखता,
मादरे वतन ने धोखों देई रा,
म्हा हाऊ काम करी रा,
मुंडा ऊं फेर यूँ केईरा।
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पैदा वैताई न मर्या वैता,
थाँ अटारों अन्न खाई रा,
अटारा पवित्तर पाणी ऊं,
थाँ रोज अठै वजु करी रा।
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डागटर ने भगवान हमझे,
थाँ अठै हैवान वणी रा,
कस्याई धरम मा नी लिख्यों,
वस्यों थाँ काम करी रा।
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अटारी कमाई ऊं भाईड़ा,
थाणा घर- बार चाली रा,
मादरे वतन पे खेल-खेल न,
थाणा टाबर मोटा वैई रा।
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थाणा हाथ हैपूँची नी कांप्या,
जदी थाँ अठै बम फौड़ी रा,
उगट्यां वण अठै उबरी रा,
खुद री माँ रो गळों मल्डी रा।
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नाक डूबाई न मरो आगा,
जो थाँ माँ ने दुख देई रा,
हाऊ खाता-पीता ई अठै,
नवराई अतरा क्यूँ वेली रा।
नवराई अतरा क्यूँ वेली रा।।
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राजेन्द्र सनाढ्य राजन
वाइस प्रिंसिपल : रा उ मा वि नमाना
नि-कोठारिया,जि-राजसमंद, राजस्थान





