आमेट
कोरोना से अन्य बीमारियों पर कैसे लगी लगाम आप भी सोचे : श्री गणपत लाल चौधरी
M. Ajnabee-Kishan Paliwalआमेट। कोरोना महामारी के बाद एकाएक अन्य बीमारियों में इन दिनों आई कमी एक चर्चा का विषय बनी हुई है। क्या वाकई इंसान बार-बार बीमार होता है। इस मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता श्री गणपत लाल चौधरी का कहना है कि स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी बंद है। आपातकालीन वर्ड में कोई भीड़ नही है। विगत 3 महीने से लगातार इन दिनों मरीजो की संख्या कम होती चली गई। जहां माह जनवरी में ओपीडी में 10800, फरवरी में 11365, मार्च में 10472 वही अप्रैल में मात्र 50373 ही विभिन्न रोगो के मरीज उपचार हैं पहुंचे। इसी तरह इनडोर आपातकालीन में माह जनवरी में 290, फरवरी में 238, मार्च में 245 व अप्रैल में मात्र 115 मरीज ही भर्ती हुए। उसके बाद आज तक कोरोना बाधित मरीजों के अलावा कोई नए मरीज नही आ रहे हैं। हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, ब्रेन हैमरेज के मामले अचानक बहुत कम हो गए हैं। हालांकि सड़कों पर वाहन ना होने से दुर्घटनाएं नही हो रही है। ऐसे में दुर्घटना ग्रस्त मरीजों की संख्या तो कम होना स्वाभाविक है। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ है कि बीमारियों के मामलों में इतनी गिरावट आ गई...? सवाल है कि क्या कोरोना ने सभी अन्य रोगों को नियंत्रित या नष्ट कर दिया है...? इसका कोई जवाब होगा नही...? बिल्कुल नही...? दरअसल अब यह वास्तविकता सामने आ रही है, की जहाँ गंभीर रोग ना हो, वहाँ पर भी डॉक्टर उसे जानबूझ कर गंभीर स्वरूप दे रहे थे। जब से भारत में कॉर्पोरेट हॉस्पिटल्स, टेस्टिंग लॅब्स की बाढ आई, तभी से यह संकट गहराने लगा था। मामूली सर्दी, जुकाम और खांसी में भी हजारों रुपये की टेस्ट्स करनें के लिए लोगों को मजबूर किया जा रहा था। छोटी सी तकलीफ में भी धड़ल्ले से ऑपरेशन्स किये जा रहे थे। मरीजों को यूँ ही आईयूसी में रखा जा रहा था। बीमारी से ज्यादा भय उपचार से लगने लगा था। अब कोरोना आने के बाद यह सब अचानक कैसे बंद हो गया...?
● कोरोना नें इंसान की सोच में परिवर्तन ला दिया
कोरोना नें इंसान की सोच में परिवर्तन ला दिया है। हर व्यक्ति जागृत हो रहा है। शांति से जीवन व्यतीत करने के लिए कितनी कम जरूरतें हैं, यह अगर वास्तव में समझ में आ रहा हो, तो उसे बीमारियाँ, भोजन और पैसे की चिंताओं से बहुत हद तक मुक्ति मिल सकती है। आज या कल कोरोना पर तो नियंत्रण हो ही जाएगा, पर उससे हमारा जीवन जो आज नियंत्रित हो गया है,उसे यदि हम आगे भी इसी तरह नियंत्रण में रखें, आवश्यकताएँ कम करें,तो जीवन वास्तव में बहुत सुखद एवं सुंदर हो जाएगा। यही कडवा सत्य हैं...?
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
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● एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...
● नई सोच... नई शुरूआत... पालीवाल वाणी के साथ...
!! कोरोना से डरे नहीं...डटकर मुकाबला कीजिए...जीत हर कदम...देशवासियों की होगी...!!