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Amet news : रंग पंचमी पर भगवान श्री जयसिंह श्याम जी के जयकारे के साथ निकलीं विशाल शोभायात्रा
M. Ajnabee, Kishan paliwalआमेट. रंग पंचमी पर शुक्रवार को नगर के आराध्य देव भगवान श्री जयसिंह श्याम जी की विशाल शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा दौपहर को नगर के रामचोक स्थित भगवान श्री जयसिंह श्याम जी के मंदिर से परम्परागत रूप से गांजे बाजे एवं शाही लवाजमे के साथ आरम्भ हुई.
इससे पूर्व बड़ा मंदिर से श्री माधव श्याम जी की बाल प्रतिमा को जय सिंह श्याम मंदिर पधराया गया एवं महाआरती की गई. फिर ठाकुर जी को भक्तों द्वारा अबीर गुलाल एवं रंगो द्वारा होली खेलाई गई. पश्चात चांदी के वेवाण में माधव श्याम जी के बाल स्वरूप को विराजित कर रंग पंचमी महोत्सव मनाने के लिए श्रद्धालुओं द्वारा नगर में शोभा यात्रा निकाली गई. जो राम चौक से रवाना होकर तकिया, मारू दरवाजा बाहर, सेलागुड़ा रोड स्थित बाहर का अखाड़ा पहुंची.
जहां चांदी के वेवाण में विराजित बाल स्वरूप माधव श्याम जी की महाआरती की गई एवं नरसिंह द्वारा अखाड़ा के महंत सियारामदास जी द्वारा होली खेलाई गई. वही श्रद्धालुओं ने जमकर गैर नृत्य का लुत्फ उठाया. शोभायात्रा यहां से पुन : तकिया, होलीथान, गणेश चौक, लक्ष्मी बाजार, बस स्टैंड, हांस्पिटल रोड़, स्टेट बैंक रोड, रामद्वारा, बड़ी पोल होते हुए पुन : रामचोक पहुंच समापन हुआ.
शोभायात्रा में राज परिवार के ज्ञानेंद्र सिंह चुंडावत, जयवर्धन सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश मेवाड़ा, भवंर सिंह चुंडावत, मिट्ठू सिंह भाटी, धर्मेश छीपा, किशनलाल छीपा, लालचंद जांगिड़, कमलेश सुथार, मनोहर सिंह पंवार,अर्जुन लाल टेलर, देवी लाल लोहार, राजेश पालीवाल, मनोहर सिंह राठौड़, अशोक कुमार गेलडा एवं पुजारी रोशन लाल, शिवलाल, शांतिलाल, ललित कुमार, सूर्यवीर, धर्मेश शर्मा, कमलेश शर्मा, प्रकाश शर्मा, दिनेश शर्मा, तुषार शर्मा सहित बड़ी संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालु एक दुसरे पर गुलाल अबीर उड़ाते भगवान श्री जयसिंह श्याम जी के जयकारे लगाते चल रहे थे.
शोभायात्रा के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने हैतु कुंभलगढ़ डीवाइएसपी ज्ञानेंद्र सिंह राठौड़, दिवेर थाना प्रभारी भवानी शंकर, आमेट थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह शक्तावत मय जाब्ते के अलावा थाना केलवा,थाना दिवेर एवं केलवाड़ा का जाप्ता मौजूद था.
● M. Ajnabee, Kishan paliwal
जयसिंह श्याम मन्दिर पर राल महोत्सव का आयोजन
नगर के रामचौक स्थित नगर के आराध्य देव प्रभु श्री जयसिंह श्याम जी के यहां फागोत्सव के चलते श्री जयसिंह श्याम नवययक मंडल नगर वासियों द्वारा 23 मार्च को राल महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान रात्रि 8 बजे से बड़ा मंदिर से माधव श्याम जी को वेवाण में बिठाकर जयसिंह श्याम मंदिर पदराया गया. तत्पश्चात महा आरती का आयोजन कर राल महोत्सव का आयोजन किया गया. जयसिंह श्याम मंदिर के पुजारी ने बताया की पुरातन काल में मौसमी बीमारियों को भगाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते थे.
इसमें राल के दर्शन भी महत्वपूर्ण हैं. फाल्गुन माह में मौसम परिवर्तन का दौर चलता है. इस मौसम में कभी सर्दी तो कभी गर्मी का भी एहसास होता है. जिससे शरीर में बैक्टैरिया पैदा होते हैं और लोग बीमार होने लग जाते हैं.
मान्यता है कि राल एवं उसमे पांच जड़ी-बूटियों के मिश्रण को जलाने से जो सुगंध जब सांसों में घूलती है. तो बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को जड़ से खत्म करता है. मनुष्य शरीर स्वस्थ एवं निरोग होता है.
श्रीमद् भागवत में एक प्रसंग के अनुसार जब यमुनानदी के तट पर खेलते-कूदते ग्वाल-बाल और गौमाताए अचानक दावानल में घिर गए. सर्वत्र हाहाकार मच गया और समस्त ग्वाल वृंद व गायो ने श्री कृष्ण से प्रार्थना की इस पर श्री कृष्ण द्वारा उनको दावानल से बचाया गया. भगवान कृष्ण ने दावानल को निगल गए दावानल के दुष्प्रभाव को बचाने के लिए राल महोत्सव का आयोजन हुआ.
पुराने समय में लाइट की व्यवस्था नहीं होने से ठाकुर जी के दर्शन करने में कठिनाई होती थी. राल जलाकर दर्शन का लाभ लिया जाता था. फागोत्सव में कृष्ण द्वारा ब्रज में होली खेलते समय कृष्ण एवं गोपियो को नजर लग जाती थी. उसी नजर को उतारने के लिए राल जलाई जाती है.
फाल्गुन मास में कामदेव अपने पूरे आकर्षक प्रभाव में रहते हैं. इसी दौरान कृष्ण एवं गोपियों पर कामदेव का असर नहीं हो उसके लिए राल जलाई जाती है.
गोपियों द्वारा कृष्ण के लिए विरह अग्नि का जो भाव प्रकट होता था. राल जलाकर उसे भाव को प्रकट किया जाता था. इस प्रकार कई कारणो से राल महोत्सव फाल्गुन महीने में होली के रूपने से लेकर होली जलने तक मनाया जाता है.
कार्यक्रम में जयसिंह श्याम नवयुवक मंडल के सदस्य, मंदिर के पुजारी एवं हजारों नगर वासियों ने भाग लिया.