उत्तर प्रदेश
14 बीघा जमीन को लेकर विवाद में पिता व बेटे को फावड़े से काट डाला, पहले ही दे दी थी धमकी- ‘खेत जोता तो ले लेंगे जान’
PALIWALWANI
UttarPradesh Hindi News: यूपी में फिरोजाबाद के टूंडला क्षेत्र के गांव टीकरी में रविवार की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसने पूरे जिले को हिला कर रख दिया। गांव के पूर्व प्रधान अरविंद यादव और उनके बेटे नितिन यादव की खेत में ही फावड़े से हमला कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। ये वारदात उनके ही गांव के कुछ लोगों ने की, जिनसे उनका जमीन को लेकर डेढ़ दशक पुराना विवाद चल रहा था।
पूर्व प्रधान अरविंद यादव इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव के चाचा थे और उनका बेटा नितिन हाल ही में, फरवरी में, शादी के बंधन में बंधा था। लेकिन परिवार की खुशियों को मानो किसी की नजर लग गई और एक खूनी रंजिश ने बाप-बेटे दोनों की जान ले ली।
डेढ़ दशक पहले खरीदी थी जमीन
अरविंद यादव ने गांव प्रेमपुर की 14 बीघा जमीन साहब सिंह यादव नामक व्यक्ति से करीब डेढ़ दशक पहले खरीदी थी। यह सौदा साहब सिंह और उनके दो बेटों जितेंद्र व नरेंद्र की सहमति से हुआ था। लेकिन साहब सिंह के बाकी दो बेटे – हुब्बलाल और देवेंद्र – इस सौदे से नाराज़ थे। उन्होंने जमीन देने का विरोध किया और पूर्व प्रधान को लगातार धमकियां देते रहे कि अगर उन्होंने जमीन जोती, तो उनकी जान ले लेंगे।
20 मई को प्रशासन से मिला कब्जा, फिर हुआ मर्डर
इस विवाद की कानूनी लड़ाई कई सालों से चल रही थी। आखिरकार 20 मई को एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार और पुलिस टीम ने अरविंद यादव को जमीन का कब्जा दिलवाया। इसके बाद रविवार को पहली बार वे अपने बेटे नितिन के साथ खेत जोतने पहुंचे। लेकिन वे नहीं जानते थे कि जमीन पर पहला हल चलाना उनकी आखिरी गलती साबित होगी। खेत पर पहले से घात लगाए बैठे हुब्बलाल, उसके बेटे विपिन, रवि, सनी और सहयोगी भोला, मनीष और देवेंद्र ने उन पर अचानक हमला कर दिया। फावड़े से किए गए वार इतने घातक थे कि बाप-बेटे की मौके पर ही मौत हो गई।
नितिन की शादी को अभी सिर्फ तीन महीने ही हुए थे। उसकी पत्नी ने अभी अपने नए जीवन की शुरुआत ही की थी कि यह दुखद हादसा उसके सामने आ गया। घर में मातम पसर गया और मां की चीत्कारों ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
राजीनामे की कोशिशें भी नाकाम
गांव वालों ने बताया कि आरोपी पक्ष विवाद खत्म करने के लिए चार बीघा जमीन लेकर राजीनामा करने को तैयार था, लेकिन अरविंद यादव ने इसके लिए साफ इनकार कर दिया। उन्होंने पूरी जमीन वापस लेने की कानूनी लड़ाई लड़ी और जीत भी हासिल की। लेकिन वह हमलावरों की धमकी को नजरअंदाज कर बैठे और पुलिस सुरक्षा के बिना ही खेत पर पहुंच गए।
ग्रामीण देखते रहे मंजर, कोई नहीं आया बचाने
घटना इतनी तेजी और निर्ममता से हुई कि वहां मौजूद राहगीर और खेत में काम कर रहे अन्य किसान कुछ समझ ही नहीं पाए। कुछ लोगों ने दूर से देखा, लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि बचाने या पुलिस को बुलाने की कोशिश कर सके। हमलावर वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए।
घटना की जानकारी मिलते हीरेंज के डीआईजी शैलेश कुमार पांडे, फिरोजाबाद के डीएम रमेश रंजन और एसएसपी सौरभ दीक्षित मौके पर पहुंचे। उन्होंने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की हिंसा या तनाव को रोका जा सके। हत्या के बाद जब शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तो परिजनों ने तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए शवों को अंदर रखने से मना कर दिया। ढाई घंटे तक शव बाहर ही रखा रहा और इस दौरान पुलिस को लोगों को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
मृतक के बड़े बेटे रवि यादव की तहरीर पर पुलिस ने हुब्बलाल, देवेंद्र, भोला, रवि, मनीष, सनी और विपिन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन सभी पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस टीमों ने उनकी तलाश शुरू कर दी है।