उत्तर प्रदेश
BJP नेता और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मिली जान से मारने की धमकी, कहा- 72 घंटे में बम से उड़ा देंगे
Paliwalwaniमुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भाजपा नेता अपर्णा यादव को जान से मारने की धमकी मिली है। बताया जा रहा है कि उन्हें यह धमकी एक व्हाट्सएप कॉल के जरिये दी गई है। हालांकि, अब इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है।
जानकारी के अनुसार, भाजपा नेता अपर्णा यादव को व्हाट्सएप कॉल के जरिये जान से मारने की धमकी दी गई है। व्हाट्सएप कॉल के जरिये धमकी दी वाले शख्स ने अपर्णा यादव को 72 घंटे में बम से उड़ाने की धमकी दी है। इस धमकी भरे कॉल के बाद राजधानी लखनऊ में सनसनी फैल गई है। भाजपा नेता अपर्णा यादव ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस ने बताया कि व्हाट्सएप पर धमकी भरा कॉल आने के बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिस नंबर से कॉल की गई है, पुलिस टीम उसकी जांच कर रही है। न्यूज चैनल के मुताबिक, धमकी भरी कॉल विदेश से आई थी; जिसमें कहा गया था कि उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा।
बता दें कि, अपर्णा यादव यूपी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गई थी। अपर्णा भले ही समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू रही, लेकिन अपनी बातों से यह जताती रहीं थी कि वह सीएम योगी के कामकाज से बहुत प्रभावित हैं। ज्ञात हो कि अपर्णा यादव ने पार्टी में शामिल होने के बाद प्रचार भी किया था और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला था। यहां तक कि उन्होंने शिवपाल यादव को भी चुनावों भाषणों के दौरान निशाना साधा था।
भाजपा में शामिल होने के दौरान जब अपर्णा यादव से सवाल किया गया था कि आप इस पार्टी में क्यों शामिल हो रही हैं तो उन्होंने बताया था कि वह स्वयं राष्ट्रवादी हैं। इसीलिए उन्होंने भाजपा का दामन थामने का फैसला किया। हालांकि, अब जिस तरह से अपर्णा यादव को जान से मारने की धमकी मिली है; उसके चलते उनके समर्थकों और शुभचिंतकों के बीच माहौल सुखद नहीं है।
गौरतलब है कि खुद अपर्णा यादव साल 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से हार का सामना करना पड़ा था। रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट सीट से चुनाव लड़ते हुए अपर्णा यादव को 33 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। उस चुनाव में ख़ास बात यह थी कि अपर्णा यादव के लिए अखिलेश यादव ने भी प्रचार किया था।