Saturday, 12 July 2025

उत्तर प्रदेश

दस वर्षो बाद इटावा में होगा आचार्य प्रमुख सागर का चातुर्मास : जन-जन के कल्याण के लिए होगा वर्षायोग : प्रमुख सागर

जगदीश राठौर
दस वर्षो बाद इटावा में होगा आचार्य प्रमुख सागर का चातुर्मास : जन-जन के कल्याण के लिए होगा वर्षायोग : प्रमुख सागर
दस वर्षो बाद इटावा में होगा आचार्य प्रमुख सागर का चातुर्मास : जन-जन के कल्याण के लिए होगा वर्षायोग : प्रमुख सागर

उत्तर प्रदेश. इटावा में करीब 10 वर्षो बाद अपने गृह नगर में चातुर्मास करने आए आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज गुरूवार को लालपुरा स्थित श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि 10 वर्ष बाद जब चातुर्मास के हुआ था तो उनकी मुद्रा मुनि रूप में थी लेकिन आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज से आचार्य पद ग्रहण करने के बाद प्रथम बार इटावा में आचार्य के रूप में चातुर्मास होगा. इस बार का चातुर्मास साधना और धर्म प्रभावना से अभिभूत होगा. 

● वर्षायोग केवल जैन समाज के लिए बल्कि जन-जन के कल्याण : आचार्य श्री ने बताया कि भव्य दिव्य जन्मभूमि वर्षायोग केवल जैन समाज के लिए बल्कि जन-जन के कल्याण के लिए होगा. मंगल कलश स्थापना का त्रिदिवसीय कोविड-19 नियमों के साथ संपन्न होगा. जिसमें 23 जुलाई 2021 यानी आज मंगल कलश में पवित्र एवं पावन सामग्री महिलाओं के द्वारा डाली जायेगी, जिसे वह मंत्रोच्चार करेंगे, 24 जुलाई को गुरू पूर्णिमा महोत्सव प्रात : 7.30 बजे से मनाया जायेगा. जिसमें इटावा सहित दूर-दराज से उनके भक्त इटावा पहुंचेंगे. 25 जुलाई को चातुर्मास कलश की स्थापना आचार्य श्री करेंगे और उनकी साधना में लीन होगे. वर्षा योग समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार जैन संजू ठेकेदार ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 8 : 30 बजे से मंगल प्रवचन, आहार चर्या, प्रतिक्रमण, गुरू भक्ति होगी. वर्षायोग समिति के अध्यक्ष संजू जैन ने सभी लोगों का सम्मान किया. वार्ता के दौरान वर्षायोग समिति के अध्यक्ष संजू जैन, पी.डी. जैन, सुशील जैन, नितिन जैन, रजत जैन, अभिनंदन जैन सहित वर्षायोग समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे. 

● कलश के दर्शन से होती है परेशानियां दूर : आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ने कहा कि वर्षायोग मंगल कलश इतना प्रभावशाली होता है. उसके दर्शन मात्र से ही लोगों की परेशानियां दूर हो जाती है, क्यों कि वर्षा के चार माह इसी कलश के सामने बैठकर जैन संत मंत्रोच्चार की साधना करते है. जिसमें दशलक्षण पर्व की साधना का विशेष महत्व है. इसलिए चातुर्मास कलश के दर्शन मात्र से ही लोगों की परेशानियां दूर हो जाती है.

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क.जगदीश राठौर...✍️

श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज

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