धर्मशास्त्र

आज ही रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा : आचार्य अर्जुन कृष्ण पालीवाल

Paliwalwani
आज ही रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा : आचार्य अर्जुन कृष्ण पालीवाल
आज ही रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा : आचार्य अर्जुन कृष्ण पालीवाल

भारतीय परंपरा के अनुसार सनातन धर्म में पर्वों का विशेष महत्व रहता है प्रकृति के आधार से वैदिक काल से ही चली आ रही परंपरा  व्रत पर्व त्यौहार को समाहित किया गया है. ज्योतिषी गणनाके आधार से इस वर्ष पवित्र पावन श्रावण  में आने वाला मुख्य रक्षाबंधन का पर्व दिनांक 11  अगस्त 2022 श्रावण शुक्ल पक्ष चतुर्दशी गुरुवार के उपरांत पूर्णिमा है, इसलिए रक्षाबंधन इसी दिन मनाया जाएगा.

रक्षाबंधन के साथ ही पूर्णिमा व्रत श्रावणी उपा कर्म कोकिला व्रत पूर्ण होगा. भाषा की जननी संस्कृत दिवस भी इसी दिन मनाया जाएगा. हयग्रीव जयंती यजुर्वेद अथर्व उपा कर्म इसी दिन किया जाएगा. झूलन यात्रा समाप्त होगी. अमरनाथ यात्रा भी इसी दिन समाप्त होगी. इस वर्ष रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर लोगों के मन मस्तिष्क में अनेक भ्रांतियां फैली हुई है. लेकिन शास्त्र के अनुसार इस दिन वीष्टि यानी भद्रा को छोड़कर रक्षाबंधन मनाना चाहिए.

इस वर्ष राजसमंद नगर के आधार से पूर्णिमा तिथि जब प्रारंभ होगी तभी से भद्रा भी प्रारंभ होगी. श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा गुरुवार को प्रातः सूर्योदय 6:12 से 10:39 तक चतुर्दशी तिथि रहेगी. इसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी. जो 12 अगस्त 2022 को प्रातः सूर्योदय के बाद 7:05 पर समाप्त होगी तथा श्रवण नक्षत्र जिसमें रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. इस नक्षत्र के कारण इस माह का नाम भी श्रावण मास होता है. यह नक्षत्र 11 अगस्त 2022 को प्रातः 6:52 से प्रारंभ होकर शेष रात्रि 4:08 पर श्रवण नक्षत्र समाप्त होगा, जो कि 12 अगस्त 2022 के सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा.

इस कारण 12 अगस्त 2022 को को रक्षाबंधन नहीं मनाया जाएगा. श्रवण नक्षत्र और पूर्णिमा के योग में ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन भद्रा होने के कारण भद्रा के समय में रक्षा सूत्र राखी नहीं बांधी जाती है. भद्रा मैं त्योहार मनाना श्रेष्ठ नहीं होता है, किंतु भद्रा की स्थिति को देखकर निवास स्थान को देखकर भद्रा की शुरुआत और समाप्ति की परिस्थिति को देखकर शुभ या अशुभ का निर्णय लेना चाहिए. केवल भद्रा होने से ही अशुभ होना यह उचित नहीं है. पूर्णिमा गुरुवार के दिन शास्त्र के अनुसार भद्रा का निवास पाताल लोक यानी नाग लोक में होने के कारण इस का मानव जीवन पर कोई भी इसी प्रकार से गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त 2022 को ही मनाना चाहिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त पर यदि हम  विचार करें तो प्राप्त 6:12 से 7:49 तक शुभ का चौघड़िया रहेगा तथा रात्रि समय 8:51 से 9:00 बज कर 58 मिनट भद्रा रहित समय, राखी बांधना श्रेष्ठ रहेगा. दोपहर अभिजीत वेला 12:06 से 12:58 तक अभिजीतवेला के कारण शुभ समय रहेगा तथा दिन का जो विजय मुहूर्त बनता है, दोपहर 2 से 2:00 बजे कर 34 मिनट तक रहेगा.

  • आचार्य अर्जुन कृष्ण पालीवाल 94 14621 940
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