धर्मशास्त्र
Maha Shivratri Special : महाशिवरात्रि पर बन रहा पंचग्रही योग, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और सबकुछ
Paliwalwaniभगवान शिव और पार्वती के मिलन के उत्सव को भक्त महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं। इस दिन जो भी भक्त देवों के देव महादेव की भक्ति में तल्लीन होकर उनकी पूजा करते हैं, भगवान शिव उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 1 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा। इस बार पंचग्रही योग में शिवजी की पूजा होगी, साथ ही महाशिवरात्रि पर दो शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इस शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में जो जातक विधि-विधान से बाबा की आराधना करेंगे, उनकी हर इच्छा पूरी होगी। आइये जानते हैं पूजा मुहूर्त व विधि…
बन रहा है 5 ग्रहों का महासंयोग:
महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है। 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा। इस राशि में मंगल और शनि साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी। चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा।
महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त:
महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11.47 से दोपहर 12.34 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। वहीं इसके बाद दोपहर 02.07 से लेकर 02.53 तक विजय मुहूर्त रहेगा। पूजा या कोई शुभ कार्य करने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं। शाम के वक्त 05.48 से 06.12 तक गोधूलि मुहूर्त रहने वाला है।
महाशिवरात्रि पूजन विधि:
फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक मानी जाती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर जल से भरे कलश की स्थापना करें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें। फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें। साथ ही पजून करें और अंत में आरती करें।