धर्मशास्त्र
धार्मिक दृष्टि में : ज्योतिर्लिंगों का कैसे रखा गया नाम : विश्व में कुल 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में जानें
paliwalwani.comदेश में कुल 12 शिवलिंग हैं. धार्मिक दृष्टि में शिव भक्तों के बीच इसका अति महत्वपूर्ण स्थान है. मान्यता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी पाप दूर हो जाते हैं. पुराणों और अन्य हिंदू धर्म शास्त्रों में ज्योतिर्लिंगों को भगवान शिव की ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. ज्योतिर्लिंग एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है 'रोशनी का प्रतीक'. इस ज्योतिर्लिंग में दो शब्द हैं. पहला ज्योति और दूसरा लिंग. लिंग शब्द का मतलब है आकार. यह आकार इसलिए है क्योंकि जो अप्रकट है वो खुद को जब प्रकट करने लगता है. एक अन्य शब्द में कह सकते है कि जब सृष्टि की उत्पत्ति शुरु हुई तो जो सबसे पहला आकार इसने लिया था, वो एक दीर्घवृताकार था. एक पूर्ण दीर्घवृताकार को लिंग कहते हैं. पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इन 12 स्थानों पर जो शिवलिंग मौजूद हैं उनमें ऊपर ज्योति के रूप में स्वयं भगवान शिव विराजमान हैं. यही कारण है कि इन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है. हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का बहुत ही विशिष्ट महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. भक्तों की मनोकामनाए पूर्ण होती है. घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि की बढ़ोत्तरी होती है. पूरे विश्व में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं. 12 ज्योतिर्लिंग के निम्नलिखित नाम हैं.
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सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somanath Jyotirlinga) : सोमनाथ मंदिर गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र किनारे स्थित है. चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है, इसलिए इसे सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कहते है.
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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (Mallikarjun Jyotirlinga) : मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है.
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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga) : महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है. महाकालेश्वर स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है.
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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirlinga) : ओमकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता पर्वत पर स्थित है.
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केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (Kedarnath Jyotirlinga) : केदारनाथ धाम उत्तराखंड में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर स्थित है.
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भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bheemashankar Jyotirlinga) : भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है. काफी मोटा होने के कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है.
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बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Kashi Vishwanath Jyotirlinga) : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है.
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त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimkeshwar) : त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक से 30 किमी पश्चिम में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है. यह मंदिर काले पत्थरों से बना है.
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नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Naageshwar Jyotirling) : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गुजरात में द्वारकापुरी से 17 मील दूर स्थित है.
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बाबा बैजनाथ ज्योतिर्लिंग (Baidyanath Jyotirlinga) : बाबा बैजनाथ (वैद्यनाथ) मंदिर झारखंड के देवघर जिले में स्थित है.
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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirling) : रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य में स्थित है.
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घुश्मेश्वर ज्योर्तिलिंग (Grishneshwar Jyotirling) : शिव का 12वां ज्योतिर्लिंग घुश्मेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है. घुश्मेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर स्थित है.