धर्मशास्त्र
अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर के उद्घाटन में सभी चार शंकराचार्यों ने जाने से साफ मना कर दिया
paliwalwaniसनातन धर्म में यदि कोई सर्वोच्च पदवी मानी गई है तो वह हैं हमारे शंकराचार्य। अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर के उद्घाटन में सभी चार शंकराचार्यों ने जाने से साफ मना कर दिया है। जगन्नाथपुरी गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद जी महाभाग हैं, श्रृंगेरी पीठ के वर्तमान शंकराचार्य श्री भारतीकृष्ण जी महाभाग हैं, ज्योतिष पीठ (बद्रीकाश्रम) के वर्तमान शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज हैं, द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद जी महाराज हैं। सभी ने विरोध जताते हुए इस तरह के कार्यक्रम को असंवैधानिक तथा धर्म के विरुद्ध बताया है।
इसके कुछ कारण हैं। गलत तिथि का चुनाव करना इसमें प्रमुख है, इसे रामनवमी पर किए जाने पर ज़ोर दिया गया है। मंदिर का पूर्ण निर्माण होने में ही अभी काफी समय लग सकता है ऐसे में पूर्ण निर्माण करने के उपरांत ही उद्घाटन किया जाने को बात रखी गई है।
शंकराचार्य जी निश्चलानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मोदी चाहते हैं की साधु-संत ताली बजाएं और प्रधानमंत्री को नमस्कार करें। अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होना चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं जहां सब वोट के लिए हो रहा हो। पद की गरिमा के चलते अयोध्या नहीं जाऊंगा। शंकराचार्य जी ने आगे कहा कि राम मंदिर पर जिस तरह की राजनीति हो रही है वो नहीं होना चाहिए।