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बिहार में हिजाब पर हंगामा, छात्राओं ने लगाए आरोप- टीचर ने देशद्रोही कहा

Pushplata
बिहार में हिजाब पर हंगामा, छात्राओं ने लगाए आरोप- टीचर ने देशद्रोही कहा
बिहार में हिजाब पर हंगामा, छात्राओं ने लगाए आरोप- टीचर ने देशद्रोही कहा

देश में हिजाब को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध की मांग को लेकर कई राजनीतिक दलों ने विरोध जताया है। इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में परीक्षा के दौरान मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर हंगामा हो गया। टीचर्स ने छात्राओं के हिजाब पहनने का विरोध किया है और मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है।

हिजाब को लेकर मचे बवाल के बीच छात्राओं ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन भी किया। यह मामला मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज का है, जहां परीक्षा के दौरान कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा देने पहुंची। छात्राओं का कहना है कि टीचर ने उन्हें क्लास में जाने के लिए हिजाब हटाने के लिए कहा है। उनके मुताबिक, टीचर्स का कहना था कि वह ब्लूटूथ लगाकर आई हैं इसलिए हिजाब हटाओ।

एक छात्रा ने बताया कि उसने टीचर के कहने पर अपना हटाया और दिखाया कि उसने ब्लूटूथ नहीं लगाया है और जब दोबार वह हिजाब पहनने लगी तो टीचर ने कहा कि वह इसे नहीं पहन सकती है। छात्रा का आरोप है कि टीचर ने उससे यह भी कहा, “यहां मजहब का कोई कॉम्पटिशन नहीं चल रहा है, जो तुम हिजाब बांधकर आई हो। खाते कहीं का हो और गाते कहीं और का हो।”

एक और छात्रा ने कहा कि ये बहुत गलत हो रहा है और उन पर टीचर्स ने देशद्रोह का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया, “हमें कहा गया कि तुम लोग देशद्रोही हो और पाकिस्तानी हो। क्या हम लोगों के दिल में हिंदुस्तान नहीं बसता है।” छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनसे पेपर छीन लिया गया और फिर उन्होंने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ कनु प्रिय का कहना है कि बोर्ड के आदेश के अनुसार किया जा रहा है, जो कि कंपलसरी है। उन्होंने कहा, “लड़की एग्जाम में बैठी हुई थी, उसको जब बेसिक रूल के तहत कहा गया कि क्या उसके पास मोबाइल फोन है क्योंकि कई लड़कियों के पास था। उस लड़की ने हिजाब पहना था, उससे सिर्फ इतना कहा गया कि अपने कान दिखा दो कि ब्लूटूथ तो नहीं पहना है, इस पर वह भड़क गई और कहने लगी कि हम नहीं दिखाएंगे।”

प्रिंसिपल ने कहा कि इसके बाद वह चली गई और कहने लगी कि परीक्षा नहीं दूंगी और कान भी नहीं दिखाऊंगी। उनका कहना है कि एक नॉर्मल सी बात थी, जिस पर उसने मीडिया और अपने घरवालों को बुला लिया। अगर उसको कोई दिक्कत थी तो यहां एग्जामिनेशन कंट्रोलर है और सारी व्यवस्थाएं हैं, वह वहां जा सकती थी।

प्रिंसिपल का यह भी कहना है कि उन्होंने देशद्रोह जैसी कोई बात नहीं कही और ये लोग मनगढ़ंत बात बनाकर मामले को तूल दे रहे हैं। इसके बाद पुलिस भी वहां पहुंची और छात्राएं उनसे भी उलझ गई। एसएचओ श्रीकांत सिन्हा ने कहा कि दोनों पक्षों को समझाबुझाकर मामला शांत करा दिया गया है।

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