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कर्नाटक : अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने वाली लड़की के समर्थन में आए पाकिस्तानी, निकाल रहे भड़ास
Paliwalwaniकर्नाटक में छात्राओं के बुर्का और हिजाब पहनने पर छिड़ा विवाद बढ़ता जा रहा है। इस विवाद ने तब एक बार और तूल पकड़ लिया जब कॉलेज में बुर्का बैन होने के बावजूद एक लड़की बुर्का पहन कर बेधड़क स्कूटी से कॉलेज पहुंच गई। एकसमान ड्रेस कोड के लिए आंदोलन कर रहे छात्रों ने जब उसे देखा तो उसका विरोध किया और विरोध स्वरूप भगवा स्कॉर्फ पहनकर जय श्री राम के नारे लगाए। इस बात को लेकर बुर्का पहने ये लड़की गुस्से में आ गई, और गुस्से में ही अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाने लगी और छात्रों की भीड़ को चुनौती देने लगी। कॉलेज प्रशासन ने किसी तरह वहां इस मामले को शांत कराया।
लड़की के समर्थन में आए पाकिस्तानी
लेकिन अब इस लड़की के समर्थन में पाकिस्तान के लोग आ गए हैं। इस लड़की का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इसे टैग कर पाकिस्तानी अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। वो इस लड़की का हौसला बढ़ाकर इसे शेरनी बता रहे हैं और लिख रहें कि ये लड़की भारत में बीजेपी-आरएसएस के खिलाफ लोगों को एकजुट करेगी।
पाकिस्तानियों के कमेंट की भरमार
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने लिखा, ‘मार्टिन लुथर किंग ने एक बार कहा था- नफरत को नफरत से खत्म नहीं किया जा सकता, नफरत को केवल प्यार से खत्म किया जा सकता. है। इस दृश्य को देखिए..एक अकेली मुस्लिम लड़की को कट्टरपंथी हिंदुओं की एक बड़ी भीड़ परेशान कर रही है। अकेली लड़कियों को घेरकर नफरत को मत बढ़ाओ
जीशान सईद नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘भारत की हर मुस्लिम महिला को खासकर इस वक्त बुर्का जरूर पहनना चाहिए।’
सईद नैय्यर उद्दीन नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘कट्टर लोगों के सामने खड़ी इस बहादुर और निडर अकेली लड़की को मेरा सलाम। ऐसा हो सकता है कि ये लड़की ही मुस्लिम विरोधी भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लोगों को एकजुट करे।’
मुजामिल नाम के एक यूजर ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को टैग करते हुए लिखा, ‘सर, देखिए, भारत में मुसलमानों के साथ क्या हुआ।
राशिद खलील नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘जानवर हैं ये।’
शाहिद अकरम नाम के यूजर लिखते हैं, ‘ये भारत के तालिबान हैं।’
किंग खान नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘अच्छा. हुआ हमें एक अलग देश मिल गया। हम ऐसे लोगों के साथ कैसे रहते? वहां कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है।’
अब्दुल समद नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘तुम्हें खुब ताकत मिले लड़की…और इस फासीवादी भीड़ को शर्म आनी चाहिए।’
क्या है पूरा विवाद
जनवरी में उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में कॉलेज प्रशासन के ड्रेस कोड नियम के खिलाफ जाकर 6 मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आईं। इसके बाद कर्नाटक के दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
हिजाब के विरोध में कुछ छात्र-छात्राएं भगवा शॉल लेकर स्कूल- कॉलेज आने लगे जिसके कारण मामले ने और तूल पकड़ा। मंगलवार को कर्नाटक के शिवमोगा और बागलकोट जिलों में हिजाब विवाद को लेकर पथराव की खबरें भी सामने आई हैं। इन जिलों में हिजाब पहने छात्राओं और उनके समर्थकों के समूह और भगवा शॉल ओढ़े छात्रों के समूह के बीच पथराव की घटना देखने को मिली है।
हिजाब विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने कर्नाटक के सभी स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया है। स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहना जा सकता है या नहीं, इस बात को. लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है।