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2018 में स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान गया था ‘पहलगाम का गुनहगार’ आदिल हुसैन, कश्मीर के प्राइवेट स्कूल में रह चुका है टीचर..
PALIWALWANI
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। ऐसा माना जा रहा है कि हत्या के पीछे संदिग्ध दो पाकिस्तानी आतंकी का ग्रुप करीब डेढ़ साल पहले घुसपैठियों के तौर पर घुसे थे। यह ग्रुप बाड़ काटकर सांबा-कठुआ क्षेत्र से घुसा था और तब से कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।
अनंतनाग पुलिस ने दोनों पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान अली भाई उर्फ तल्हा और हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के तौर पर की है। पुलिस ने पहले ही उनके स्केच जारी कर दिए हैं। साथ ही स्थानीय लश्कर-ए-तैयबा के रंगरूट आदिल हुसैन थोकर का भी स्केच जारी कर दिया है। इसे पहलगाम का तीसरा हमलावर माना जा रहा है। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई भी सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
2018 में स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान गया था आदिल हुसैन
अनंतनाग के बिजबेहरा का रहने वाला आदिल हुसैन थोकर 2018 में वाघा बॉर्डर पार करने के बाद स्टूडेंट वीजा परगया था, लेकिन पाकिस्तान में लश्कर के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में शामिल हो गया। सूत्रों ने बताया कि वह डेढ़ साल पहले दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ लौटा था। पाकिस्तान जाने से पहले कश्मीर के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता था।
अधिकारियों के मुताबिक, सेना और अर्धसैनिक बलों की टीमें अनंतनाग के ऊपरी इलाकों में छानबीन कर रही हैं। यहां पर आतंकियों के छिपे होने का शक है। जम्मू -कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वे आतंकियों की तलाश आदिवासी समुदायों की मिली जानकारी के हिसाब से कर रहे हैं। वहीं हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान पर पिछले साल 20 अक्टूबर को सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग हमले में शामिल होने का शक है।
सिक्योरिटी फोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों को आतंकियों की कई फोटों दिखाई गईं। उन्होंने एक फोटो से मूसा की पहचान की। वहीं से मिली जानकारी के आधार पर बाकियों की पहचान की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मूसा को सबसे ज्यादा ट्रेंड और जंगल में रहने में माहिर माना जाता है। सूत्रों ने बताया कि वह उन घुसपैठियों में से एक हो सकता है।
जांच टीम पता लगाने में जुटी
जांच करने वाली टीम यह भी पता लगा रही है कि क्या ये ग्रुप अगस्त 2023 में साउथ कश्मीर के कुलगाम जिले में तीन सैन्यकर्मियों की हत्या में भी शामिल था। सूत्रों ने बताया कि इन आतंकियों पर पिछले साल मई में जम्मू के पुंछ जिले में हुए हमले में भी शामिल होने का शक है। इसमें वायुसेना का एक जवान शहीद हो गया था और चार अन्य घायल हो गए थे। एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि गोलीबारी के दौरान आतंकियों ने अपने साथियों से जल्दी से भागने का आग्रह किया था ताकि वे भाग सकें।