राजसमन्द
राजसमंद चौमुखा महादेव भोजनशाला बंद कराने के लिए जिम्मेदार कौन...!
M. Ajnabee-Kishan Paliwalराजसमंद। (ललित चोरड़िया की कलम से...✍) कोरोना वायरस महामारी के दौरान देशभर में लागू लॉकडाउन के समय कोई शख्स भूखा न सोए इस भाव को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों ने समाजसेवियों से आह्वान किया कि इस मिशन को सफल करने में सहयोग प्रदान करें। जिला मुख्यालय पर सरकार की इच्छा अनुसार भूखे को भर पेट खाना समय पर मिले इसके लिए शहर के कुछ समाजसेवीओ ने चौमुखा महादेव मंदिर परिसर में भोजनशाला शुरू करके लॉकडाउन के दूसरे दिन से गरीबों को 400 पैकेट वितरण करना प्रारंभ किया। समूची व्यवस्था काफी अनुकूल रही यही अनुकूलता इन समाज सेवकों को भारी पड़ गई। जब प्रशासन एवं नगर परिषद के नाम से संचालित भोजनशाला के जिम्मेदारों को नागुजारा लगी और उन्होंने 15 अप्रैल से भोजनशाला बंद कराने में सफलता हासिल की। मंदिर परिसर से संचालित भोजनशाला की व्यवस्था शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं लोक अधिकार मंच के सर्वश्री दिनेश सनाढ्य, वरिष्ठ अधिवक्ता संपत लड्ढा, पत्रकार संजय जैन, सूचना अधिकार के कार्यकर्ता छगनलाल खटीक एवं समाजसेवी अमित वर्मा तथा निर्माण कार्यों के ठेकेदार अशोक यादव के जिम्मे थी। भोजनशाला संचालन के लिए उपखंड अधिकारी ने दो वाहन सहित 3 पास जारी किए इसके सहारे यह कार्यकर्ता निरंतर बहुत कमजोर परिवारजनों को खाने के पैकेट नियमित व व्यवस्थित पहुंचा रहे थे। इनकी व्यवस्थाओं को देखकर अन्य भोजनशाला के संचालक समीक्षा करते हुए “कान्या मान्या कुर“ वाली कहावत चरितार्थ करते हुए उपखंड अधिकारी राजसमंद को 8 अप्रैल को शिकायत मौखिक रूप से दे डाली। शिकायत के बाद प्रशासन एवं पुलिस विभाग ने इस भोजनशाला को बंद करवाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया। गैर राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के समायोजन से संचालित इस भोजनशाला से 400 परिवारों का निवाला छीनने का दोषी कौन है...! यह निर्धारित करना आवश्यक है क्या शहर में कोरोना महामारी की जंग जीतने के लिए जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी में असफलता की बदनामी नहीं हो इसके लिए 100% जनसेवा से संचालित यह सेवा कार्य बंद करना शर्म की बात नहीं है...! इस संबंध में सुपरफास्ट ने गत मंगलवार को उपखंड अधिकारी से मोबाइल पर संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि शहर में कौन भूखा सो रहा है बतावे...! हम उसे भोजन पैकेट पहुंचा देंगे कौन भोजन बना रहा है इसकी चिंता छोड़ो...! चौमुखा महादेव पर संचालित भोजनशाला बंद करने के सवाल पर उन्होंने जवाब देने के बजाय संपर्क मोबाइल से काट दिया। उपखंड अधिकारी के जवाब से यह स्पष्ट हो गया कि वह इस भोजनशाला को बंद करवाने के लिए बिना दबाव के निर्णय नहीं ले सकते हैं और लिया है तो उन्होंने अपनी मूंछ का सवाल बना दिया है। आयोजकों का कहना है कि भोजन वितरण के लिए 10 अप्रैल को प्रशासन के कहने पर 18 व्यक्तियों के पास बनाने का आवेदन किया जिसे उपखंड अधिकारी ने 14 अप्रैल तक जारी नहीं किया इसलिए बिना पास भोजन पैकेट वितरण नहीं हो सकते हैं। इन कारणों के चलते 15 अप्रैल से भोजनशाला बंद कर दी गई। निःशुल्क भोजनशाला के 100 लाभार्थी परिवार जनों ने 17 अप्रैल के दिन जिला कलेक्ट्री पहुंचकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर को भोजन नहीं मिलने की शिकायत की तो प्रशासन ने उन सबको कांकरोली थाने में ले जाने का निर्देश दिया। जिस पर पुलिस उन्हें थाने की ओर ले जा रही थी इसी दरमियान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बीच रास्ते में रोक उनके प्रार्थना पत्र पर ही तुरंत भोजन व्यवस्था का प्रबंध करने का निर्देश दे डाला। अतिरिक्त जिला कलेक्टर के आदेश के बाद भोजनशाला के संचालक श्री अमित वर्मा ने उपखंड अधिकारी से मिलकर भोजनशाला शुरू करने के लिए पास जारी करने का आग्रह किया मगर उपखंड अधिकारी ने पास जारी करने से साफ मना कर दिया। आखिर क्या कारण है कि अतिरिक्त जिला कलेक्टर के आदेश के बावजूद उपखंड अधिकारी राजसमंद ने पास जारी करने से साफ मना कर दिया...! यहां उल्लेखनीय है कि उपखंड अधिकारी श्रभ् सुशील कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं जबकि अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के कारण पद के अनुसार आदेश दे सकते हैं मगर आईएस होने के कारण यह पद छोटा होने के बावजूद माने ना माने जरूरी नहीं है। निकट भविष्य में उपखंड अधिकारी महोदय बड़े पद पर पहुंचेंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी किसी भी परिस्थितियों में मूंछ का सवाल बनाकर कार्य नहीं करते हैं। भोजनशाला को बंद कराने के लिए जिम्मेदार कौन है...!
● नेता मौन धारण करके बैठ गए...चौमुखा महादेव भोजनशाला बंद क्यों
एसडीएम साहब की यह प्रशासनिक सेवा की प्रथम पारी है और निरंतर बड़े पदों पर नियुक्त होंगे और अनेक बार राजनीतिक दबाव भी होगा मगर नियमों के ऊपर पद की गरिमा पर प्रश्न खड़ा करना इस अधिकारी की सेवा में नहीं देखने को मिलता है...! भोजनशाला आयोजकों ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान शहर में संचालित अधिकांश भोजनशाला के संचालक पार्षद गण हैं जो नगरपरिषद के नाम से संचालित करने का संदेश देते हुए कहते हैं कि समस्त भोजनशाला दानवीरो के खर्चे पर संचालित हो रही हैं इसमें नगर परिषद का किसी तरह का आर्थिक सहयोग नहीं है और नहीं रहेगा। यदि नगर परिषद का आर्थिक सहयोग नहीं है और केवल शहर वासियों के अर्थ सहयोग से संचालित भोजनशाला की व्यवस्था का जिम्मा निर्वाचित पार्षद के अलावा कोई नहीं देख सकता है...! इस प्रश्न के जवाब को टटोलने पर चौमुखा महादेव भोजनशाला के संचालक श्री दिनेश सनाढ्य का कहना है कि आगामी नगर परिषद के चुनाव को देखते हुए पार्षद गण नहीं चाहते हैं कि नगर परिषद में नए समाजसेवी चुनावी दंगल में जीत हार के लिए रोड़ा बनकर खड़े हो उससे पहले ही कोरोना वायरस की महामारी की जंग को जीतने के साथ इन्हें भी निपटाना बहुत जरूरी है। श्री दिनेश सनाढ्य ने बताया कि इस संबंध में नगर परिषद के आयुक्त ने मोबाइल पर कहां की आप इस पचड़े में क्यों पढ़ते हो...! मेरा कोई लेना देना नहीं है फिर भी मैं राय दे रहा हूं कि आपने सेवा की उतनी बहुत हैं बाकी सेवा इन लोगों को करने दो। सुपर फास्ट भी मान गया कि कोरोना महामारी के दौरान भोजन पैकेट वितरण करके आगामी नगर परिषद चुनाव में वोटों की फसल काटने की तैयारी आरंभ हो गई है। कोरोना महामारी के प्रथम लॉक डाउन के दौरान राजसमंद जिला सौभाग्यशाली जिलों में से एक रहा जहां एक भी केराना पीड़ित रोगी का मामला सामने नहीं आया। फिर बिना किसी लापरवाही के सामने आए चौमुखा महादेव भोजनशाला बंद करना गंभीर राजनीतिक मामला है या प्रशासन की हठधर्मिता है। क्योंकि भीलवाड़ा जैसे जिले में इतने कोरोना पीड़ित रोगी आने के बाद भी किसी भोजनशाला को बंद नहीं कराया गया तथा उदयपुर जिला कलेक्टर की शक्ति के आगे अच्छे-अच्छे को पसीना आ जाता है उसके बावजूद उदयपुर में अनेक भोजनशाला संचालित होकर कोरोना राहत कार्य के तहत भूखे को भोजन पहुंचाया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण जैसी महामारी से कोई देश अछुता नहीं रहा ऐसे में राजसमंद शहर में ओछी मानसिकता देखने को मिल रही है। सभी राजनीति पार्टियां वोट के खातिर एक-दुसरे पर आरोप लगाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे है। ऐसे में कई सामाजिक संगठनों को काम करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि नए समाजसेवी चुनावी दंगल में जीत हार के लिए रोड़ा बनकर कहीं खडे ना हो जाए इसलिए चौमुखा महादेव भोजनशाला बंद करने में इन्हीं स्वार्थी तत्वों का भी हाथ हो सकता है, इसीलिए सभी पाटियों के नेता मौन धारण करके बैठ गए...चौमुखा महादेव भोजनशाला बंद क्यों हुई इसको लेकर कोई भी प्रशासन से प्रश्न नहीं कर रहा है।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
? Whatsapp पर हमारी खबरें पाने के लिए हमारे मोबाइल नंबर 9039752406 को सेव करके हमें व्हाट्सएप पर Update paliwalwani news लिखकर भेजें...
09977952406-09827052406
● एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...
● नई सोच... नई शुरूआत... पालीवाल वाणी के साथ...
!! कोरोना से डरे नहीं...डटकर मुकाबला कीजिए...जीत हर कदम...देशवासियों की होगी...!!