राजसमन्द
श्रीद्वारिकाधीश मजदूर संघ एवं भामसं ने की निंदा
Suresh Bhatराजसमंद। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध श्रीद्वारकाधीश मंदिर मजदूर संघ कार्मिकों की ओर से गोस्वामी पराग कुमार व नेमिष कुमार द्वारा श्रम कानून के तहत पंजीकृत युनियन को बार-बार अवैध बताए जाने की निन्दा करते हुए संघ द्वारा कानूनी कार्यवाही किए जाने की चेतावनी दी गई। भामसं वरिष्ठ उपाध्यक्ष फतह सिंह राव ने बताया कि मंदिर के पुजारी के आपसी सम्पत्ति विवाद में बेवजह कर्मचरियों को परेशान किया जा रहा है। पूर्व में दोनों गोस्वामियों ने सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग व राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट 1951 की धारा 31 के अंतर्गत परिवाद दर्ज करवाया गया। इस पर दोनों जगह से परिवाद खारिज कर कर्मचरियों के पक्ष में फैसला किया। किन्तु दोनों द्वारा श्रमिकों को परेशान करने की नियत से पुन: उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर युनियन के पंजीकरण व पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास व श्री द्वारकाधीश मंदिर मजदूर संघ के मध्य हुए करार को लेकर रीट पिटीशन की गई। रिट पिटिशन उनका कानूनी अधिकार है किन्तु श्रमिकों को डराना धमकाना उनका अधिकार नहीं है, जिसे भामसं कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि मंदिर कर्मियों को बार बार सेवादार बताकर उन पर श्रम कानून लागू नहीं की बात की जा रही है। किंतु सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार स्पष्ट है कि कोई भी संस्थान की गतिविधियां यद्यपि लाभ अर्जन के लिए नहीं है किंतु गतिविधियों को संचालित करने के लिए कामगारों की आवश्यकता होती वे वेतन भोगी की श्रेणी में आते हैं। ऐसी स्थिति में संस्था धार्मिक होने के बावजूद भी उद्योग की परिभाषा में आता है। उस संस्था को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 व न्यूनतम वेतन अधिनियम के प्रावधानों से विमुक्त नहीं किया जा सकता है। यह सब जानते हुए भी न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती देकर मंदिर कर्मचरियों को बार-बार कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। किंतु कर्मचारी अब मुकाबले से पिछे नहीं हटेगा अपने हकों व अधिकारों के हासिल किया जाएगा।