राजसमन्द
श्री नीलेश पालीवाल प्रथम था लक्ष्मी सांवरिया द्वितीय स्थान मिला
Suresh Bhat...✍️राजसमंद। सेठ रंगलाल कोठारी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजसमंद अंतराष्ट्रीय योग दिवस 20 जून को जिला प्रशासन एवं आयुर्वेद विभाग, राजसमंद के तत्वाधान में 19 जून को योग विषयक संगोष्टी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्या श्रीमती प्रमिला सारस्वत के आतिथ्य में हुआ। प्राचार्या श्रीमती प्रमिला सारस्वत ने छात्र-छात्रओं को संबोधित करते हुए पालीवाल वाणी को बताया कि मानसिक तनावों से जर्जर होता आज का मनुष्य संतोष और आनंद की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है, शांति का अहसास महसूस करने के लिए उतावला हो रहा है। वह अपनी जीवन की बगिया के आसपास से स्वार्थ, क्रोध, कटुता, ईर्ष्या, घृणा आदि के काँटों को दूर कर देना चाहता है, उसे अपने इस जीवन रूपी उद्यान में सुगंध लानी है। उसे उस मार्ग की तलाश है जो उसे शरीर से दृढ़ और बलवान बनाएं, बुद्वि से प्रखर और पुरुषार्थी बनाये, भौतिक लक्षों की पूर्ति करते हुए उसे आत्मवान बनाएं, निश्चित रूप से ऐसा मार्ग है। इसे भारत के एक महर्षि पतंजली ने योगदर्शन का नाम दिया है। योगदर्शन एक मानवतावादी सार्वभौम संपूर्ण जीवन दर्शन है भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र है।
कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती शकुंतला शर्मा ने पालीवाल वाणी को बताया कि योग एक ऐसी अमूल्य औषधि है जो बिना मूल्य आप को स्वस्थता प्रदान कर सकती है। आप को शक्तिवर्धक बना सकती है आप का आत्म-विश्वास बढ़ा सकती है और स्वस्थ शरीर का आशीर्वाद भी दे सकती है। निबंध प्रतियोगिता का विषय स्वस्थ जीवन में योग का महत्व था। प्रतियोगिता में श्री नीलेश पालीवाल तृतीय वर्ष वाणिज्य संकाय ने प्रथम स्थान तथा लक्ष्मी सांवरिया तृतीय वर्ष कला संकाय ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सैंकड़ो विद्यार्थियो ने प्रतियोगिता में उत्साह पूर्वक भाग लिया।
पालीवाल वाणी ब्यूरो Suresh Bhat -✍️
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