राजसमन्द

हिन्दू धर्म की महान कृति संस्कृत रामायण के रचयिता वाल्मिकी

Suresh Bhat
हिन्दू धर्म की महान कृति संस्कृत रामायण के रचयिता वाल्मिकी
हिन्दू धर्म की महान कृति संस्कृत रामायण के रचयिता वाल्मिकी

राजसमंद। आदि कवि महर्षि वाल्मिकी जयंती पर विश्व हिन्दुू परिषद् बजरंग दल कार्यकताओ द्वारा सामुहीक विचार गोष्टी कल्पतरु कॉम्पलेक्स मे मंगलवार शाम 4 बजे आयोजित की गई। जिला सामाजिक समरसता प्रमुख भगवती प्रसाद ने बताया कि इस अवसर पर कार्यकर्ताओ ने महर्षि वाल्मिकी की छवि के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन कर उन्हे श्रद्धा से याद किया। गोष्ठी मे चर्चा करते हुये जिला मंत्री भगवतीलाल पालीवाल ने बताया कि महर्षि वाल्मिकी प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियो की श्रेणी मे प्रमुख स्थान रखने वाले थे। उन्होने हमारे देश के महान ग्रंथ रामायण की संस्कृत मे रचना की थी। उनके द्वारा रचित रामायण वाल्मिकी रामायण कही जाती है हिन्दू धर्म की महान कृति रामायण महाकाव्य भगवान श्रीराम के जीवन से सम्बन्धित घटनाओ पर आधारित है। रामायण रचयिता के रुप मे वाल्मिकी जी की प्रसिद्धी है। इनके पिता महर्षि कष्यप के पुत्र वरुण माने गये है। उनको नारद ऋषि ने सत्य का ज्ञान कराते हुये राम-राम रटने का उपदेश दिया तो राम-राम रटते रटते वह वाल्मिकी ऋषि बन गये। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष महिपाल सिंह चारण, जिला समन्वयक प्रमुख हेमेन्द्र खत्री, बजरंग दल जिला संयोजक गजेन्द्र पालीवाल, नगर उपाध्यक्ष तेजराम कुमावत, बजरंग दल नगर सह संयोजक आकाश सहलोत, किशोर नगर मण्डल संयोजक भरत वैष्णव, राजनगर मण्डल अध्यक्ष रोशनलाल तेली, कांकरोली मण्डल मंत्री भावेश श्रीमाली, धोईन्दा मण्डल मंत्री सुन्दरलाल कुमावत, सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। वही दुसरी ओर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अनुसुचित जाति विभाग जिला अध्यक्ष परसराम पोरवाड़ की अध्यक्षता में महर्षि वाल्मिकी जयंती मनाई गई। पारेवाड़ ने बताया की इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक एवं संभागीय समन्वयक बंशीलाल गहलोत ने वाल्मिकी के जीवन पर प्रकाश डाला तथा आज विज्ञान का युग है हम कम्प्यूटर से काम कर रहे है लैकिन उस युग में कुछ भी नहीं होते हुए भी महर्षि वाल्मिकी ने इतना बड़ा ग्रंथ लिखा जो महानता के अधिकारी है। आज हम उनको सच्ची श्रद्धा से पुजते हुए हमे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देश हीत में काम करना है। इस अवसर पर हरिराम सालवी, जगदीश खटीक, दिनेश कलोसिया, सुरेश ढीढोरिया, मदनलाल रेगर, रोशनलाल भाट, महेन्द्र सालवी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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