Tuesday, 09 September 2025

राजस्थान

कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह, गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या : सीकर बंद

Paliwalwani
कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह, गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या  : सीकर बंद
कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह, गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या : सीकर बंद

सीकर : राजस्थान के सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी गई. चार-छह बदमाशों ने राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी. राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी. लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है. रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है. राजस्थान, पंजाब और हरियाणा का मशहूर गैंगस्टर राजू ठेहट नेता बनता इससे पहले ही 3 दिसंबर 2022 को सुबह सीकर के पीपरोली रोड पर चार बदमाशों ने उसे गोलियों से भून दिया. पुलिस को मौके से 50 गोलियों के खोल मिले हैं. बदमाशों की दिलेरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजू ठेहट को मौत के घाट उतारने के बाद हवा में हर्ष फायरिंग करते हुए मौके से फरार हो गए.

राजू बॉस की शराफत के किस्से छपने लगे : किसी बदमाश ने चेहरे पर नकाब भी नहीं पहना था. सीसीटीवी कैमरों में चारों बदमाशों के चेहरे साफ दिख रहे हैं. राजू ठेहट हत्या, लूट, अपहरण के अनेक मामले दर्ज हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से राजू सीकर में शराफत की जिंदगी जी रहा था. 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी थी. यह गैंगस्टर सीकर में राजू बॉस के नाम से प्रसिद्ध हो रहा था. अखबारों में भी राजू बॉस की शराफत के किस्से छपने लगे थे, लेकिन गैंगस्टर रोहित गोदारा के शूटरों ने नेता बनने से पहले ही राजू को मार डाला. राजू की हत्या के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर रोहित गोदारा ने लिखा है कि राजू ठेहट हमारे बड़े भाई आनंदपाल और बलबीर बानूड़ा की हत्या में शामिल था, इसलिए हमने बदला ले लिया.

रोहित गोदारा ने अपने साथ लॉरेंस बिश्नोई के होने का भी दावा किया है. लॉरेंस बिश्नोई इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और उस पर पंजाब के सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप है. लारेंस गैंग के तार अंतर्राष्ट्रीय गैंगस्टर गोल्डी से जुड़े बताए जाते हैं. इन दिनों राजस्थान में गैंगस्टर की जंग चरम पर है. गैंगस्टर उत्तर प्रदेश के मुकाबले में राजस्थान को सुरक्षित मानते हैं. यही वजह है कि राजस्थान में वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश आसानी से फरार हो जाते हैं. 

और दुश्मनों से मुलाकात होगी : 3 दिसंबर 2022 को जिस तरह गैंगस्टर राजू को मारा गया. उससे प्रतीत होता है कि राजस्थान में अब गैंगवार और बढेगी. लॉरेंस बिश्नोई का नाम आने के बाद राजू ठेहट हत्याकांड और गंभीर हो गया है. रोहित गोदारा ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा है कि अभी और दुश्मनों से मुलाकात होगी. यह गैंगवार तब हो रही है, जब राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा 5 दिसंबर 2022 से राजस्थान में शुरू हो रही है. इस यात्रा की आवभगत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में पूरी कांग्रेस सरकार लगी हुई है. राहुल की सुरक्षा में बड़ी संख्या में पुलिस जवान और अधिकारी तैनात किए गए हैं. गहलोत सरकार के एक दर्जन मंत्री यात्रा की विभिन्न जिम्मेदारी निभा रहे हैं. 

कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की यात्रा से राजस्थान में अपनी स्थिति को मजबूत भी करना चाहती है, लेकिन प्रदेश में बढ़ रही गैंगस्टर जंग से कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गृह विभाग भी सीएम गहलोत के पास ही है.

बेमियादी सीकर बंद : राजू ठेहट की हत्या के विरोध में वीर तेजा सेना ने बेमियादी सीकर बंद की घोषणा कर दी है. सेना की ओर से कहा गया है कि जब तक हत्यारे गिरफ्तार नहीं होते, तब तक शव का अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाएगा. इस समय राजू ठेहट का शव सीकर के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में रखा हुआ है. इस जघन्य हत्या कांड से पूरे सीकर जिले में रोष है. इसलिए बंद का आव्हान किया गया है. सेना के प्रतिनिधि ने कहा कि पकड़े जाने का कोई डर नहीं था, इसलिए हत्यारों ने अपना चेहरा भी नहीं ढक रखा था. लोगों की मौजूदगी में ही बदमाश हवा में फायरिंग करते हुए पैदल ही मौके से भाग गए. सेना ने पुलिस पर भी ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है. 

बलबीर बानुडा से दोस्ती दुश्मनी में बदली 

जीण माता में शराब की दुकान राजू ठेहट और बलबीर बानुडा को मिली. दुकान शुरू हुई और उस पर बलबीर बानुडा का साला विजयपाल सेल्समैन के तौर पर रहने लगा. शराब बेचने की बजाय ब्लैक में शराब बेचता है. इसी बात को लेकर राजू ठेहट और विजयपाल में कहासुनी हो गई और कहासुनी इस हद तक बढ़ गई की राजू ठेहट ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी. 

विजयपाल की हत्या के बाद राजू ठेहट और बलबीर बानुडा की दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई. इसके बाद आनंदपाल और बानुडा ने राजू ठेहट के संरक्षक की हत्या कर दी.

1995 में क्राइम की दुनिया में राजू ठेहट ने ली थी एंट्री

राजू ठेहट का अपराध की दुनिया में नाम गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से पहले से ही फैला हुआ था. आनंदपाल सिंह की मौत के बाद भी राजू ठेहट की दबंगई कम नहीं हुई. अपराध के दुनिया में ठेहट ने 1995 के दौर में एंट्री की थी. उस समय भाजपा की भैरोंसिंह सरकार हवा के झोंके में झूल रही थी और राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू था. सीकर का एसके कॉलेज शेखावाटी के राजनीतिक का केंद्र था. कॉलेज में एबीवीपी का दबदबा था. गोपाल फोगावट शराब के धंधे से जुड़ा हुआ था. जिसके संरक्षण में राजू ठेहठ भी शराब का अवैध कारोबार करने लगा. 

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