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फाइनेंस कंपनियां की धमकी से परेशान मां ने आग के हवाले कर दिया बच्चों को

Paliwalwani
फाइनेंस कंपनियां की धमकी से परेशान मां ने आग के हवाले कर दिया बच्चों को
फाइनेंस कंपनियां की धमकी से परेशान मां ने आग के हवाले कर दिया बच्चों को

त्रिवेणीगंज(सुपौल) : अनमोल कुमार...एक मां के द्वारा तंगहाली के वजह से खुद अपने ही दोनों बच्चे को जिंदा जलाकर मारने कोशिश का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। हालांकि ग्रामीणों की मदद से दोनों बच्चे की जान बाल-बाल बच गई। घटना थाना क्षेत्र के पथरा गौरधय वार्ड नंबर एक की है जहां एक मां ने गरीबी के कारण अपने ही दो मासूम बच्चे को जिंदा जला रही थी लेकिन आपने तो वह कहावत सुना होगा जाको राखे साइयां मार सके ना कोय,ग्रामीणों ने बताया मंगलवार की  बीती रात करीब 12ः00 बजे गुलाब शाह की पत्नी रूबी देवी अपने ही घर के पीछे जलावन इकट्ठा करके उसमें किरासन तेल डालकर आग जलाई और अपने दोनों बच्चे एक का नाम संगीता कुमारी उम्र करीब 6 साल दूसरा 5 साल का शिव कुमार दोनों को आग में धक्का दे दिया, जैसे ही धक्का दिया तो बच्चे जोर जोर से चिल्लाने लगा। चिल्लाने की आवाज सुनकर आस पड़ोस के ग्रामीण वहां आए और आग को बुझाकर दोनों बच्चे की जान बचाई। सुबह होते ही कुछ ग्रामीणों ने इसकी सूचना वहां के प्रतिनिधि को दिया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पंचायत समिति जहांगीर आलम ने दोनों बच्चों को अस्पताल भेजा और इसकी सूचना वहां के प्रशासन को दिया। ग्रामीणों ने एक और चौंकाने वाली बात का खुलासा किया है। ग्रामीणों ने बताया कि गरीबी और आर्थिक तंगी से गुजर रही महिला ने कुछ साल पहले भी जहर खाकर अपनी जान देने का प्रयास किया था लेकिन किसी तरह उसे बचा लिया गया। कुछ ग्रामीणों ने यह भी बताया कि महिला गांव में चल रहे स्वयं सहायता समूह के कर्ज से भी परेशान थी। खैर मामला जो भी हो यह तो जांच का विषय है। इस घटनाओं को लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू है। घटनाओं को लेकर थाना प्रभारी संदीप कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि रूबी कुमारी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण इस तरह की घटना को अंजाम दिया, मामले की जांच की जा रही है।

गौरतलब हो कि प्रखंड ही नही पूरे जिले में नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों की अनदेखी कर ग्राहकों के साथ छल करने के साथ ही उनका उत्पीड़न कर रही है। गांव-गांव में प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों द्वारा लोगों को ऋण के मकड़जाल में फंसा कर ऋण बांटा गया है। आरबीआई के नियमों को धता बताकर जबरन कर्ज की किश्त वसूली जा रही है। जिससे गरीब मजदूर महिलाएं बेहद परेशान हैं। मजबूरी में कर्ज की किश्त चुकाने गृहस्थी का सामान व जेबर गिरवी रखकर किस्त चुकानी पड़ रही है। क्षेत्र के सभी पंचायतों में कंपनी के एजेंट पहुंचकर जबरन किस्त वसूली कर रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्र के अनेक लोगों ने बताया कि कोरोना के संकट उबड़ भी नही पाए ग्राहकों के साथ हो रहे आर्थिक अपराध के खिलाफ जिला प्रशासन को इन प्राइवेट कंपनियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। लोगों ने बताया कि क्षेत्रों में स्वंय सहायता समूह तथा निजी स्तर पर दिए गए ऋण को मार्च-अप्रैल तथा मई की किस्त वसूली की जा रही है। यह कंपनियां लोगों के घर अपने एजेंट भेज कर धमकी देकर जबरन खाते में किस्त की राशि डलवा रही हैं। किस्त न देने वाले कर्जधारी को गृहस्थी का सामान मोटरसाइकिल, सोफा, कूलर, पशुधन उठा लेने की धमकी दी जा रही है।

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