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जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम : भाषण प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक स्पर्धा में आदिवासी युवाओं ने समृद्ध संस्कृति का प्रस्तुतीकरण

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जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम : भाषण प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक स्पर्धा में आदिवासी युवाओं ने समृद्ध संस्कृति का प्रस्तुतीकरण
जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम : भाषण प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक स्पर्धा में आदिवासी युवाओं ने समृद्ध संस्कृति का प्रस्तुतीकरण

आदिवासी युवाओं में राष्ट्र निर्माण की नई प्रेरणा का हुआ संचार

गौतम बुद्धनगर. युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की इकाई नेहरू युवा केन्द्र गौतमबुद्धनगर द्वारा गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से 16 वें जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना, उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करना और उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना सफल रहा।

इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ और ओडिशा के नक्सल प्रभावित जिलों–बस्तर, बीजापुर, कांकेर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़, सुकमा और कालाहांडी से आए 220 युवा प्रतिभागियों ने इस आयोजन में भाग लिया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय एकता, पंच प्रण, विकसित भारत, नक्सलवाद से मुक्ति और शिक्षा के महत्व पर जानकारी दी। इस दौरान युवाओं को यह समझाया गया कि विकास गतिविधियों में भागीदारी और शिक्षा ही असली देशभक्ति है।

बस्तर से आई आदिवासी युवती फूलमणि कश्यप ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "भारत सरकार के इस कार्यक्रम ने हमें एक नए भारत को देखने और समझने का अवसर दिया। यह अनुभव न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि अविस्मरणीय भी है। हमें हिंसा और नक्सलवाद से दूर रहकर शिक्षा को अपना हथियार बनाना चाहिए ताकि हम विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।"

शाम को सेंट हुड कॉन्वेंट स्कूल दादरी में शैक्षिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें भाषण प्रतियोगिता में युवाओं ने अपने विचारों को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। इन प्रतियोगिताओं ने युवाओं के आत्मविश्वास, संवाद कौशल और नेतृत्व क्षमता को मजबूत किया।

इसके अलावा, आदिवासी प्रतिभागियों ने सांस्कृतिक प्रतियोगिता में अपनी समृद्ध विरासत का प्रदर्शन किया। पारंपरिक लोकगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि भारत की विविधता ही उसकी असली ताकत है। कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। गौतमबुद्धनगर की जिला युवा अधिकारी स्निग्धा सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी।

अतिथियों में सामाजिक कार्यकर्ता एच के शर्मा, सभासद ज्ञान सिंह रावल, परमानंद कौशिक, सेंट हुड कॉन्वेंट स्कूल के संदीप शर्मा प्रबंधक और प्रधानाचार्या आशा शर्मा ने युवाओं को शिक्षा और नेतृत्व के महत्व पर प्रेरित किया। प्रदेश के सर्वोच्च युवा पुरस्कार से सम्मानित, स्वामी विवेकानंद यूथ अवॉर्डी अमन कुमार ने युवाओं को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उनकी भूमिका पर मार्गदर्शन दिया।

कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नकद पुरस्कार और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया, जिससे उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ा। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आयोजन समिति ने आभार व्यक्त किया। नेहरू युवा केन्द्र गौतमबुद्धनगर से एसीटी फरमूद अख्तर, स्वयंसेवकों में तालिब, प्रकाश तिवारी, लक्ष्मी, रुकसार आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इस कार्यक्रम ने न केवल आदिवासी युवाओं को शिक्षा, एकता और विकास की ओर प्रेरित किया, बल्कि उन्हें हिंसा और नक्सलवाद से दूर रहकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का एक नया दृष्टिकोण भी दिया। यह आयोजन एक ऐतिहासिक पहल बनकर उभरा, जिसने इन युवाओं के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने की नींव रखी।

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