Sunday, 15 June 2025

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जिसके पास फिट होने के लिए भेजा उसी के साथ भाग गयी बेटी, परिजन सदमे में..

Paliwalwani
जिसके पास फिट होने के लिए भेजा उसी के साथ भाग गयी बेटी, परिजन सदमे में..
जिसके पास फिट होने के लिए भेजा उसी के साथ भाग गयी बेटी, परिजन सदमे में..

 युवा पीढ़ी में फिटनेस काे लेकर काफी क्रेज है. इसे देखते हुए बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों में जिम खुल गये हैं. वहां युवाओं की भीड़ लगी रहती है. खासकर लॉकडाउन में लंबे समय तक घरों में बंद रहने के बाद लोग फिट होने के लिए जिम का रुख कर रहे हैं. जमुई की एक युवती ने भी फिट होने के लिए जिम जाने का फैसला किया और अब यही उसके परिजनों के लिए सदमा साबित हुआ है.

जमुई के खैरमा निवासी और कचहरी परिसर में एक सरकारी कर्मचारी की बेटी कोरोना काल के दौरान शरीर को फिटनेस रखने के लिए कचहरी चौक स्थित एक जिम में जाने लगी. सामान्य परिवार के माता-पिता की तरह उन्होंने भी अपनी रजामंदी दे दी. जिम का खर्चा उठाने के लिए भी तैयार हो गए.लड़की नियमित जिम जाने लगी. हुआ यह कि जिम जाने के दौरान ही लड़की की ट्रेनर राजा कुमार से आंखें चार हो गयीं. ट्रेनिंग के दौरान दोनों और अपने नजदीक आये. उसके बाद लड़की उसी जिम में ट्रेनर का काम करने लगी. अंत में अचानक दोनों गायब हो गये.अब लड़की के परिजन थाने के चक्कर लगा रहे हैं. उसकी मां ने जमुई थाने में एफआईआर दर्ज करायी. मां ने ट्रेनर राजा कुमार को अभियुक्त बनाया गया है. इस मुकदमे में अचानक नया मोड़ तब आया जब उक्त लड़की पुलिस के माध्यम से कोर्ट में हाजिर हुई. दिन भर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. एक तरफ मां-बाप, बुआ-फूफा और परिवार के सभी लोग उसके पांव में लिपट रहे थे कि वह घर चले तो दूसरी तरफ लड़के के परिवार वाले मोर्चाबंदी किए उसके साथ खड़े थे

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उस लड़की का पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत में एडीजे प्रथम सैयद मोहम्मद शब्बीर कि अदालत में पेशी के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराया गया. जहां उसने अपने प्रेमी से शादी करने और उसी के साथ जाने की बात कही. हालांकि लड़की की मां की ओर से न्यायालय में एक आवेदन देकर यह कहा गया कि लड़की की उम्र दिखाए गए कागजात में सिर्फ 18 वर्ष 2 महीने है. ऐसे में उसकी उम्र की जांच जरूरी है क्योंकि वह नाबालिग है.

न्यायालय में लड़की द्वारा दिखाए गए संस्कृत बोर्ड के प्रमाण पत्र के आधार पर मां और कथित प्रेमी पति दोनों के पास भेजने से मना कर दिया और उसे बालिग मानते हुए कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया. पीड़िता की मां ने बताया कि उन्होंने अपनी औकात से बढ़कर अपनी बच्ची की बात मानी. उसकी हर इच्छा पूरी की. लड़कियां जमुई में अभी जिम जाने के लिए तैयार नहीं होती हैं, ऐसे में उन्होंने अपनी बेटी को भेजा. और यही उनका अपराध है.

 

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