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अंधविश्वास : दोबारा जिंदा करने के लिए 4 महीने संभाल रखा बेटे का शव, उठाया ये खौफनाक कदम
Paliwalwaniहिमाचल प्रदेश । हिमाचल प्रदेश के चंबा में अन्धविश्वास का एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। यहां एक महिला अपने बेटे के शव को महीनों घर में रखे रही। उसे उम्मीद थी कि उसका बेटा जादुई शक्तियों से एक बार फिर जिन्दा हो जायेगा। हैरान कर देने वाला यह मामला चंबा जिले के आदिवासी पांगी अनुमंडल के री पंचायत का है। मामला का खुलासा तब हुआ जब महिला ने चंबा के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में किसी बीमारी का इलाज करा रही अपनी 15 वर्षीय बेटी की मौत के बाद खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना की जानकरी देते हुए चंबा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस अरुल कुमार ने बताया कि पूर्ति पुलिस को खबर मिली कि री पंचायत में एक महिला ने अपने घर पर सुसाइड कर लिया है।
सूचना के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो महिला के पति ने बताया कि वह बीते कुछ महीनों से अपनी बेटी के इलाज के लिए चंबा में था। उसने बताया कि बुधवार को जब वह अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर घर लौटे तो उसे पत्नी का शव मिला। पुलिस ने मामले की पड़ताल करने के मकसद से जब घर का दूसरा कमरा खोला तो उसे बेटे का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। इसके बाद दोनों शवों को चंबा ले जाया गया और पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया।
बताया जा रहा है कि करीब चार माह पहले बेटे की मौत हो गई थी। एसपी ने कहा कि धारा 174 के अनतर्गत मामले की जांच कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। घटना को लेकर री पंचायत प्रधान प्यारे लाल ने बताया कि महिला अंधविश्वासी थी और फालतू की प्रथाओं को मानती थी। पांगी थाना प्रभारी नितिन चौहान ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही बेटे की मौत के कारणों का पता चल सकेगा। पुलिस ने कहा कि महिला दावा करती थी कि उसके पास जादुई शक्तियां हैं जो मृतकों को फिर से जीवित कर सकती है।