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यूक्रेन संकट को देखकर आनंद महिंद्रा ने लिया ये फैसला, MBBS के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा विदेश, महिंद्रा यूनिवर्सिटी में होगी MBBS की पढ़ाई!

Paliwalwani
यूक्रेन संकट को देखकर आनंद महिंद्रा ने लिया ये फैसला, MBBS के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा विदेश, महिंद्रा यूनिवर्सिटी में होगी MBBS की पढ़ाई!
यूक्रेन संकट को देखकर आनंद महिंद्रा ने लिया ये फैसला, MBBS के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा विदेश, महिंद्रा यूनिवर्सिटी में होगी MBBS की पढ़ाई!

यूक्रेन में जारी युद्ध संकट के बीच भारत के सामने जो सबसे बड़ा संकट आया है वो है वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट को सुरक्षित वापस लाना। इस संकट ने भारत के लोगों में मन ये सवाल भी पैदा कर दिया है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में ये स्टूडेंट भारत के बाहर क्यों जाते हैं। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों विशेषकर मेडकल स्टूडेंट्स की हालत देखकर एक बड़ा काम करने का फैसला लिया है।

महिंद्रा यूनिवर्सिटी में होगी MBBS की पढ़ाई

आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें नहीं पता था कि भारत में मेडिकल कॉलेज की इतनी कमी है। उन्होंने अपनी कंपनी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) के एमडी और सीईओ सी.पी. गुरनानी को टैग करते हुए लिखा कि ‘क्या हम महिंद्रा यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई करवाने वाले संस्थान की स्थापना करने के बारे में विचार कर सकते हैं?‘

नहीं होगी करोड़ोंकी फीस

आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट के बाद कई यूजर्स उन्हें बताया कि भारत से बड़ी संख्या में बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन सिर्फ सीटों की कमी की वजह से नहीं जाते हैं। बल्कि भारत के निजी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई का महंगा होना भी एक बड़ी वजह है।

इसे लेकर पी. वामशिधर रेड्डी नाम के एक यूजर ने आनंद. महिंद्रा से अनुरोध किया कि आप अपने संस्थान में ध्यान रखिएगा कि इसकी फीस अन्य संस्थानों की तरह करोड़ों में ना हो, इस पर आनंद महिंद्रा ने कहा कि वो ‘ध्यान रखेंगे।’

विदेशों में पढ़ रहे हैं हजारों स्टूडेंट

आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट के साथ जो खबर साझा की है, उसके हिसाब से भारत के करीब 18,000 बच्चे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि सबसे ज्यादा. 23,000 बच्चे चीन में मेडिकल की डिग्री लेने गए हैं।

आनंद महिंद्रा ट्विटर पर पहले भी अपने कई ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में लोगों को जानकारी देते रहे हैं। साथ ही वो हर मुद्दे पर खुलकर बात भी करते हैं। उनके बराबर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और आम लोगों से भी राय लेने से लोगों के मन में ये भावना बनने लगी है कि वो ऐसे उद्योगपति हैं जो भारतीय समाज के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।

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