अन्य ख़बरे
बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर के निलंबन पर कर्नाटक में सियासी संग्राम : IPS बी दयानंद के समर्थन में उतरी भाजपा
paliwalwani
कर्नाटक.
चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून 2025 को हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि कई लोग घायल हुए थे। घटना के बाद कांग्रेस की कर्नाटक सरकार तुरंत हरकत में आ गई थी। मुख्यमंत्रीसरकार ने एक्शन लेते हुए बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद को निलंबित कर दिया था।
हालांकि,के इस फैसले पर कई राजनीतिक दलों समेत इंटरनेट पर भी लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। दयानंद को पूर्व अधिकारी, राजनीतिक दल, नागरिक और इंटरनेट पर भारी समर्थन मिल रहा है।
सोशल मीडिया पर हैशटैग #IStandWithBDayanand के तहत उनके लिए व्यापक समर्थन बन रहा है। नागरिकों, पूर्व पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक दलों ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। साथ ही इसे जल्दबाजी में उठाया गया गलत कदम बताया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलरु पुलिस के भीतर भी बेचैनी थी। इस फैसले से निराश बेंगलुरु के पुलिसकर्मी कथित तौर पर विरोध के तौर पर अपनी बांह पर काली पट्टी बांधने पर विचार कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों के बीच इस बात पर चर्चा चल रही थी कि इस पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए, कुछ कथित तौर पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया से डरे हुए थे।
बेंगलुरु के पूर्व पुलिस कमिश्नर मेघारिख ने निलंबन की आलोचना करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच और तथ्यों के बिना कमिश्नर को निलंबित करना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। पुलिस इस घटना का केवल एक छोटा सा हिस्सा थी। कमिश्नर को निलंबित करना सही तरीका नहीं है। उन्होंने शुरुआत में ऐसा क्यों नहीं किया? बड़े हितधारक वहां हैं। हम आईपीएस और कमिश्नर बिरादरी के रूप में परेशान हैं। गलतियां होना स्वाभाविक है, लेकिन एक्शन इस तरह नहीं हो सकता।
दयानंद जो बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। उनको 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई जानलेवा भगदड़ में 11 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने के एक दिन बाद निलंबित कर दिया गया था। यह स्टेडियम, कर्नाटक राज्यसंघ (केएससीए) द्वारा(आरसीबी) क्रिकेट टीम को आईपीएल जीतने पर सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम का स्थल था, जिसमें उम्मीद से ज्यादा भीड़ जुटी।
सूत्रों का कहना है कि आयुक्त ने सरकार को सलाह दी थी कि रसद संबंधी दबाव कम करने के लिए कार्यक्रम को आगामी रविवार को आयोजित किया जाए , लेकिन इस सुझाव को खारिज कर दिया गया।
बेंगलुरु के एक अन्य पूर्व पुलिस आयुक्त सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भास्कर राव ने एक कड़े बयान में मुख्यमंत्री पर घबराहट की स्थिति में होने का आरोप लगाया और स्थिति के लिए उपमुख्यमंत्री को दोषी ठहराया। उन्होंने लिखा कि बेंगलुरु सिटी पुलिस आयुक्त का निलंबन कर्नाटक पुलिस के इतिहास का सबसे काला दिन है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हर कोई जानता है कि यह बेकाबू उपमुख्यमंत्री ही है जिसने मौत के जुलूस की योजना बनाई और वही मुख्य अपराधी हैं।
राव ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री इतना असहाय, कायर, घबराया हुआ और आतंकित नहीं हुआ है। सरकार के हाथ खून से रंगे हैं और अब वह अपना दिमाग भी खो चुकी है। सरकार अब संकट में है। वहीं, एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गई है जिसमें सरकार से अपना निर्णय वापस लेने की मांग की गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दयानंद की ईमानदारी और पेशेवर आचरण का बचाव करने वाले कई पोस्ट देखे गए। कई लोगों ने उन्हें सार्वजनिक सेवा में एक रोल मॉडल बताया और उनके कार्यकाल के दौरान उनकी कार्यकुशलता और अनुशासन की सराहना की।
भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) समेत राजनीतिक दलों ने भी इस पर अपनी राय रखी।की कर्नाटक इकाई ने एक्स पर लिखा कि कर्नाटक के इतिहास में पहली बार, निर्दयी हत्यारे शीर्ष पुलिस अधिकारियों को दंडित कर रहे हैं। जेडी(एस) ने सीधे उपमुख्यमंत्रीपर निशाना साधा है। साथ ही आरोप लगाया कि भगदड़ के लिए वे जिम्मेदार हैं और उनके इस्तीफे की मांग की। वहीं,