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पुलिस के कांस्टेबल को फांसी की सजा : एके 47 से पत्नी और सास की थी हत्या
Paliwalwaniजम्मू-कश्मीर : जज ने कहा कि मामले में मृतकों के बाद उनके परिवार की हालत को देखते हुए और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखकर आरोपी को उक्त सजा सुनाई गई है. पुलिस के कांस्टेबल को पत्नी व सास की हत्या में भद्रवाह के सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. भद्रवाह के जिला जज वीरेंद्र सिंह भाऊ ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए सरकार को आदेश दिया है कि वह सास सुमित्रा देवी के परिवार को मुआवजे के तौर पर एक लाख, आरोपी के बच्चों को दो लाख और देस राज के घायल होने को लेकर 20 हजार रुपये दे. इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में 14 दिनों के अंदर अपील दाखिल की जा सकती है. घटना के बारे में बताया जाता है कि कांस्टेबल पवन कुमार का पत्नी चंपा देवी से दहेज को लेकर विवाद था. भद्रवाह में 12 दिसंबर 2012 की रात पवन ससुर देस राज के घर पहुंचा जहां उसकी पत्नी पहले से मौजूद थी. पवन कुमार ने अपनी एके 47 से अपनी पत्नी चंपा देवी, सास सुमित्रा देवी और ससुर देस राज पर गोलियां बरसा दीं. इसमें चंपा देवी और सुमित्रा की मौत हो गई. जबकि देस राज घायल हो गया. बाद में पवन कुमार ने खुद को भी गोली मार कर बचने का ड्रामा किया. मामले पर सुनवाई करते हुए जज ने आरोपी को दहेज उत्पीड़न, जानलेवा हमला करने और हत्या करने का दोषी माना. दहेज के लिए तीन साल, जानलेवा हमले के लिए 15 साल और हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाई.