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दहशत में मां-बाप : कहां गुम हो गईं बुंदेलखंड की 382 बेटियां

Paliwalwani
दहशत में मां-बाप : कहां गुम हो गईं बुंदेलखंड की 382 बेटियां
दहशत में मां-बाप : कहां गुम हो गईं बुंदेलखंड की 382 बेटियां

बुंदेलखंड : (अमर उजाला)

पिछले डेढ़ साल के दौरान बुंदेलखंड की 382 बेटियां गुम हो चुकीं हैं। इनमें झांसी से 129 जबकि ललितपुर 116, उरई से 69 युवतियां गायब हैं। 19 अक्तूबर 2022 को बबीना इलाके से दो नाबालिग लड़कियां लापता हो गईं। परिवार के लोग इनको काफी दिनों से तलाश करते रहे लेकिन, इनका पता नहीं चला। पुलिस ने इनकी गुमशुदगी दर्ज की लेकिन, परिजनों को इनके बारे में कुछ भी मालूम नहीं चल सका है।

केस दो :

9 अप्रैल 2023 को रक्सा इलाके के सुरक्षित सैन्य इलाके में निवस्त्र युवती का शव बरामद हुआ। अभी तक न युवती की मौत की वजह मालूम चल सकी और न ही युवती की शिनाख्त हो सकी। पुलिस का कहना है यूपी, बिहार में शिनाख्त कराने की कोशिश की गई। इसके बावजूद पहचान नहीं हुई।

केस तीन : 

14 मार्च 2023 को ललितपुर के बार इलाके से तीन युवतियां लापता हो गईं। परिजनों ने इनकी गुमशुदगी दर्ज कराई है। परिवार के लोगों को आज तक इन लड़कियों के बारे में मालूम नहीं चल सका। वह थाने के चक्कर काट रहे हैं।

केस चार :  24 जनवरी 2023 को ललितपुर के बानपुर थाना इलाके से एक युवती लापता हो गई। परिवार के लोग उसकी रिश्तेदारी में तलाश करने के बाद थाने पहुंचे। पुलिस ने गुमशुदगी भी दर्ज कर ली थी लेकिन, युवती का कोई पता नहीं चल सका है।

बुंदेलखंड से लापता बेटियों के यह महज चंद मामले हैं। जबकि आंकड़ों में पिछले डेढ़ साल के दौरान बुंदेलखंड की 382 बेटियां गुम हो चुकीं हैं। इनमें झांसी से 129 जबकि ललितपुर 116, उरई से 69 युवतियां गायब हैं। इनकी गुमशुदगी बकायदा थानों में भी दर्ज हैं, लेकिन आज यह किस हालात में हैं, इसका किसी को कुछ पता नहीं है। परिजनों के पूछने पर पुलिस अफसर रटा-रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। वहीं, बेटियों का पता न चलने से परेशान परिजन सिर्फ थानों के चक्कर काटने को ही मजबूर हैं।

पिछले दिनों दिल्ली में नाबालिग लड़की की खौफनाक हत्या ने सभी को हिलाकर रख दिया है। युवक ने 16 साल की नाबालिग पर 20 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया। चाकू से वार करने के बाद आरोपी ने पत्थर से भी लड़की को बार-बार कुचला। रोंगटे खड़े करने वाली इस वारदात के बाद से जिन परिवार की बेटियां गुम हुईं, उनके भीतर फिर से दहशत भर गई। कई लड़कियां सालों से गुम हैं। उनका कुछ पता नहीं चल रहा। 

परिजनों का कहना है कि लड़की के गुम होने की पर पुलिस अक्सर प्रेम प्रसंग होने का मामला कहकर टाल देती है। इसकी पड़ताल नहीं करती। पुलिस के पड़ताल न करने की वजह से उनको पता नहीं चल पाता है। वहीं, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि लापता लोगों की तलाश के लिए एक अलग से विंग काम करती है। उनकी तलाश में लगातार टीम काम करती रहती है।

कहां कितनी लड़कियां हुईं लापता

  • झांसी 129
  • ललितपुर 116
  • उरई 69
  • हमीरपुर 68

गुमशुदा की तलाश को यह है व्यवस्था

  1. लापता लोगों का विवरण एकत्रित करके इनको उप्र पुलिस के पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
  2. लापता महिलाओं की तलाश के लिए मिशन शक्ति के तहत भी एक टीम काम करती है।
  3. एनसीआरबी दिल्ली की ऑनलाइन साइड से इसे लिंक कर दिया जाता है।
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