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LIC : मेच्योरिटी से पहले पॉलिसी को करना चाहते हैं सरेंडर, जानिए नियम
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अगर आपने भी LIC पॉलिसी खरीदी है या फिर आप अपनी पॉलिसी सरेंडर करना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, कई बार ग्राहक बिना देखे जाने पॉलिसी खरीद लेते हैं. बाद में उन्हें पता चलता है कि LIC पॉलिसी उनके किसी काम की नहीं है और फिर वे बीच में इसको सरेंडर करना चाहते हैं. इसके अलावा भी अन्य कारणों से पॉलिसी होल्डर कई बार पॉलिसी सरेंडर करना चाहता है. ऐसे में जरूरी है इससे जुड़े कुछ नियमों के बारे में जान लेना.
LIC भी ग्राहकों को पॉलिसी सरेंडर करने का ऑप्शन देती है पर इन बातों का रखें ध्यान
- अगर आप मेच्योरिटी से पहले सरेंडर करते हैं तो इसकी वैल्यू कम हो जाती है.
- रेगुलर पॉलिसी में पॉलिसी सरेंडर वैल्यू की कैलकुलेशन तभी की जा सकती है जब पॉलिसीधारक ने लगातार 3 सालों तक प्रीमियम का भुगतान किया हो.
- वहीं 3 साल पहले सरेंडर करने की स्थिति में कोई वैल्यू नहीं दी जाती है.
दो तरीके से सरेंडर किया जा सकता है:
1. गारंटीड सरेंडर वैल्यू (GSV)
इसके तहत पॉलिसी होल्डर्स को अपनी पॉलिसी के 3 साल पूरे होने के बाद ही सरेंडर कर सकता है. जिसका मतलब है कि 3 साल तक प्रीमियम भरना होगा. अगर आप 3 साल के बाद सरेंडर करते हैं, तो पहले साल में चुकाए गए प्रीमियम और एक्सीडेंटल बेनिफिट के लिए चुकाए गए प्रीमियम को छोड़कर, सरेंडर वैल्यू भुगतान किए गए प्रीमियम का करीब 30 फीसदी होगा. इसलिए, जितना लेट आप पॉलिसी सरेंडर करेंगे उनती वैल्यू अधिक मिलेगी.
2. स्पेशल सरेंडर वैल्यू
स्पेशल सरेंडर वैल्यू इसमें (मूल बीमा राशि *(भुगतान किए गए प्रीमियम की संख्या / देय प्रीमियम की संख्या) + प्राप्त कुल बोनस) * सरेंडर वैल्यू फैक्टर. ये एक फॉर्मूला है जिससे स्पेशल सरेंडर वैल्यू हासिल की जाती है.
सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के नियम
सिंगल प्रीमियम प्लान के तहत पॉलिसी लेने के दूसरे साल में इसे सरेंडर किया जा सकता है. अगर आपकी पॉलिसी की अवधि 10 साल है तो उसे 2 साल में सरेंडर कर सकते हैं और वहीं 10 साल से ज्यादा है तो इसे 3 साल में सरेंडर किया जा सकता है.