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सस्ता हुआ सोना-चांदी, आने वाली है बंपर तेजी
Paliwalwaniकोरोना के नए वेरिएंट और महंगाई की चिंता के बीच सोना और चांदी के रेट में बहुत ज्यादा अस्थिरता है. किसी दिन इसमें तेजी देखी जाती है तो किसी दिन इसकी कीमत पर दबाव रहता है. शेयर बाजार में तेजी के बीच आज सोने की कीमत पर दबाव दिख रहा है. MCX पर अगस्त डिलिवरी वाला सोना सुबह के 10 बजे 106 रुपए की गिरावट के साथ 47467 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. उसी तरह अक्टूबर डिलिवरी वाला सोना 93 रुपए की गिरावट के साथ 47783 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा था.
इंटरनेशनल मार्केट में भी सोने की कीमत पर दबाव दिख रहा है. इस समय यह 0.26 फीसदी की गिरावट (4.70 डॉलर) के साथ 1,798.70 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर कारोबार कर रहा था. चांदी पर भी दबाव दिख रहा है और यह 25.25 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर कारोबार कर रही थी. डोमेस्टिक मार्केट में MCX पर सितंबर डिलिवरी वाली चांदी 112 रुपए की गिरावट (Silver price today) के साथ 67025 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रही थी. उसी तरह दिसंबर डिलिवरी वाली चांदी 82 रुपए की गिरावट के साथ 68281 रुपए प्रत किलोग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रही थी.
सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव के कारण Gold ETF के प्रति भी निवेशकों की दिलचस्पी घटी है. जून के अंत तक गोल्ड ईटीएफ में ग्लोबल होल्डिंग 3624 टन थी जो अक्टूबर 2020 के मुकाबले 7 फीसदी कम है. उस समय ग्लोबल होल्डिंग 3909 टन थी. वैल्यु के लिहाज से जून 2021 में ग्लोबल गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग की वैल्यु 206 अरब डॉलर थी. आज इंटरनेशनल मार्केट में सोना फिर से 1800 डॉलर के नीचे पहुंच गया लेकिन कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी छमाही में कीमत में उछाल जरूर आएगा. इसके तीन प्रमुख कारण दिए गए हैं.
कोरोना क्राइसिस से इकोनॉमी को बचाने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक 1.85 ट्रिलियन यूरो का इमर्जेंसी असेट पर्चेज जारी रखेगा. अमेरिकी फेडरल रिजर्व हर महीने 120 अरब डॉलर का सरकारी बॉन्ड खरीद रहा है. बैंक ऑफ इंग्लैंड का 1.22 ट्रिलियन डॉलर का बॉन्ड बाय भी जारी है. जापान के सेंट्रल बैंक ने भी स्पेशल प्रोग्राम टू सपोर्ट फाइनेंस को जारी रखा है. पूरी दुनिया में इस समय इंट्रेस रेट काफी कम है. दुनिया भर के के सेंट्रल बैंकों के स्टिमुलस पैकेज और कम इंट्रेस्ट रेट के कारण सोने की कीमत पर समर्थन मिलेगा. जब तक सिस्टम में लिक्विडिटी आती रहेगी, इसकी कीमत में मजबूती की संभावना है.
कोरोना की दूसरी वेव के बाद तीसरी वेव की आशंक जताई जा रही है. हालांकि दुनिया के कई बड़े देशों में वैक्सिनेशन प्रोग्राम भी बहुत तेजी से चल रहा है. वैक्सिनेशन में आई तेजी के कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है. कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में जैसे-जैसे तेजी आएगी, फिजिकल गोल्ड की मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ने के कारण कीमत में उछाल आएगा.
पिछले कुछ समय से महंगाई दर में तेजी की आशंका जताई जा रही है. अगर महंगाई दर बढ़ती है और दुनिया भर के सेंट्रल बैंक अपनी पॉलिसी में बदलाव नहीं करते हैं तो इससे निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड में बढ़ेगी क्योंकि इसे इंफ्लेशन के खिलाफ हेजिंग के तौर पर देखा जाता है. दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों का कहना है कि यह महंगाई तात्कालिक है. ऐसे में किसी भी सेंट्रल बैंक की तरफ से नीतिगत बदलाव की बात नहीं की गई है.