अन्य ख़बरे

केंद्र सरकार की पहल : 60 वर्ष की उम्र वालों को भी मिलेगी सरकारी नौकरी, 5000 से ज्यादा को मिला रोजगार

Pushplata
केंद्र सरकार की पहल : 60 वर्ष की उम्र वालों को भी मिलेगी सरकारी नौकरी, 5000 से ज्यादा को मिला रोजगार
केंद्र सरकार की पहल : 60 वर्ष की उम्र वालों को भी मिलेगी सरकारी नौकरी, 5000 से ज्यादा को मिला रोजगार

राकेश मालवीय की उम्र 62 साल है। उनके अधिकांश साथी घर-घर में बैठे-बैठे बोर होते हैं। लेकिन यह सेवानिवृत्ति के बाद दूसरी नौकरी करके जीवन को आगे बढ़ा रहे हैं। मालवीय एक फाइनेंस कंपनी में डेटा एनालिटिक्स का काम करते हैं। मालवीय की ही तरह सौम्य चटर्जी रिटायरमेंट के बाद एक कंपनी में सलाहकार की भूमिका में हैं। राजधानी भोपाल की कई कंपनियां अनुभवी और सेवानिवृत्त पेशेवरों को रोजगार देने में प्राथमिकता दे रही हैं। सरकार भी इस काम में मदद कर रही है। ताकि सीनियर सिटीजन के जीवन भर के संचित कौशल और ज्ञान का लाभ उठाया जा सके।

रेलवे में जीएसयू

रेल मंडलों में गति शक्ति यूनिट की स्थापना की गयी है। इस जीएसयू में रिटायर सुपरवाइजरों को भर्ती किया जाता है। इन्हें मानदेय के आधार पर भुगतान किया जा रहा है। यह सुपरवाइजर अपने अनुभवों के आधार पर रेलवे के लंबित मामलों का निस्तारण कर रहे हैं। गति शक्ति यूनिट में कम से कम पांच रिटायर्ड सुपरवाइजरों के साथ उनके सहायकों की भर्ती की व्यवस्था है।

केंद्र सरकार ने रिटायर लोगों के लिए एक पोर्टल बनाया है। यहां नौकरी के इच्छुक सीनियर सिटीजन अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के इस एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज जिसका नाम सीनियर एवेल सिटीजन फार रिइम्पलायमेंट इन डिग्निटी है पर 60 साल और इससे अधिक उम्र वाले अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। मंत्रालय वर्चुअल मैचिंग के आधार पर उन्हें रोजगार का मौका देता है।

इस समय देश में कई ऐसी बेवसाइट हैं जो बुजुर्गों को नौकरियां दिलाने में मदद करती हैं। सेकंड कॅरियर्स डॉट कॉम ऐसा ही एक जॉब पोर्टल है, जो रिटायर्ड लोगों को दूसरी पारी शुरू करने में मदद करता है। विजडम सर्किल डॉट कॉम भी ऐसे बुर्जुगों को नौकरी दिलाने में मदद करता है जिनमें धैर्य, कौशल है और जो ज्यादा भागदौड़ नहीं कर सकते हैं।

कई कंपनियों में बुजुर्ग

बुजुर्गों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली एक कंपनी के अनुसार अकेले भोपाल में पिछले पांच साल में 5 हजार से ज्यादा रिटायर लोग कम से कम एक दर्जन कंपनियों में दूसरी पारी में नौकरी कर रहे हैं। कुछ अंशकालिक हैं तो कुछ परामर्शदाता की भूमिका में हैं।

इसलिए कर रहे हैं काम

समाजशास्त्री वैभव अवस्थी के अनुसार सेवानिवृत्ति के बाद लोग अतिरिक्त पैसा, सक्रिय रहने और अपनी रुचि को जिंदा रखने के लिए काम कर रहे हैं। कुछ का मकसद बोरियत को कम करना है।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News