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‘मौत को छूकर टक से वापस आना…’हार्ट अटैक से हो गई थी इस एक्टर की मौत, मिनिटो में फिर लौटी सांसें, नहीं भूल पाए मरने के बाद....

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‘मौत को छूकर टक से वापस आना…’हार्ट अटैक से हो गई थी इस एक्टर की मौत, मिनिटो में फिर लौटी सांसें, नहीं भूल पाए मरने के बाद....
‘मौत को छूकर टक से वापस आना…’हार्ट अटैक से हो गई थी इस एक्टर की मौत, मिनिटो में फिर लौटी सांसें, नहीं भूल पाए मरने के बाद....

‘मौत को छूकर टक से वापस आना…’ नवाजुद्दीन सिद्दीकी का ‘किक’ फिल्म से ये डायलॉग तो सभी ने सुना होगा, मगर क्या किसी ने ये सुना है कि मौत हो जाने के बाद कोई वापस आया हो। ऐसा भारतीय मूल के ब्रिटिश एक्टर शिव ग्रेवाल के साथ हो चुका है, जो हार्ट अटैक से मरने के बाद कुछ मिनट बाद ही जिंदा हो गए थे। उनको ये भी याद है कि उन कुछ मिनटों में उनके साथ क्या-क्या हुआ था।

बात साल 2013 की है, 60 साल के शिव ग्रेवाल को हार्ट अटैक आया था और उनकी जान चली गई थी। वो अपनी पत्नी के साथ लंच कर रहे थे, तभी उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ, उनकी पत्नी ने एंबुलेंस बुलाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मगर ठीक सात मिनट के बाद उनकी सांसें वापस लौट आई। इसके बारे में शिव ने एक -एक बात डिटेल में बताई है और वो खुद को मरने के बाद लौटने वाला व्यक्ति बताते हैं। उनकी इंस्टाग्राम बायो में भी लिखा है।

शिव ने अपने अनूठे अनुभव के बारे में बताया। जिसमें वो जिंदगी और मौत दोनों को महसूस चुके थे। शिव ने कहा, “किसी तरह मुझे पता चल गया था कि मैं मर चुका हूं। मैंने महसूस किया कि चीजे मेरे शरीर से बिल्कुल अलग हो चुकी हैं। ऐसा लग रहा था जैसे मैं शून्य में हूं लेकिन इमोशन और सेंसेशन को महसूस कर सकता हूं।”

ऐसा लगा तैर रहा हूं- शिव

एक्टर ने आगे कहा, “मेरा कोई शरीर नहीं था, मुझे लगता है कि ये ऐसा था कि मैं पानी में तैर रहा हूं, मुझे वजन महसूस नहीं हो रहा था और मैं खुद को फिजिकल वर्ल्ड से अलग महसूस कर रहा था। एक समय ऐसा आया जब मैं चांद पर ट्रैवल कर रहा था और मैं उल्कापिंड और पूरा अंतरिक्ष देख रहा था।”

पुनर्जन्म की मिली थी च्वाइस

एक्टर ने कहा कि उन कुछ मिनटों में उनके पास कई विकल्प थे, जैसे अलग-अलग जीवन या पुनर्जन्म। एक्टर ने कहा, “मैं वो सब नहीं चाहता था। मैंने यह स्पष्ट कर दिया था कि मैं अपने शरीर, अपने समय, अपनी पत्नी के पास लौटना चाहता हूं और जिंदा रहना चाहता हूं।”

एक्टर ने बताया भले ही वो दोबारा जिंदा हुए, लेकिन एक महीने के लिए वो कोमा में थे और उन्हें मिर्गी के दौरे भी झेलने पड़े। ठीक होने के बाद, उन्होंने अपने अनुभव को कला के जरिए व्यक्त करना शुरू किया। शिव ग्रेवाल की मानें तो अब उन्हें मौत से डर नहीं लगता, क्योंकि वो इसे अंदर से महसूस कर चुके हैं।

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