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आचार्य चाणक्य के अनुसार इन 3 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो खराब हो सकते हैं प्रेम संबंध
Paliwalwaniआचार्य चाणक्य के मुताबिक बंदिशों से जुड़े रिश्ते से अधिक मजबूत और परिपक्व वो रिश्ते होते हैं जिनमें आजादी होती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई चाहता है कि उसका रिश्ता किसी व्यक्ति के साथ मजबूत हो जाए तो उसे आजादी देना शुरू करें।
सम्मान में कमी: हर व्यक्ति चाहता है कि उनके साथी उनकी इज्जत करें, ऐसे में चाणक्य कहते हैं कि लोगों को अपने संग-संगिनी के आत्म सम्मान को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब लोगों का आदर-सम्मान कम होता है तो इससे रिश्ते भी कमजोर होने लगते हैं।
न करें अभिमान: चाणक्य कहते हैं कि प्रेम संबंधों के बीच अहंकार की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। अहंकार के कारण व्यक्ति अपना अस्तित्व भूल जाता है और जब आप खुद को अधिक और अपने साथी को कम अहमियत देंगे तो इससे रिश्ते में खटास आ सकती है। ऐसे में अहंकार करने से बचें।
दिखावा करने से बचें: प्यार में किसी प्रकार का दिखावा नहीं होना चाहिए, प्रेम किसी भी प्रकार के दिखावे से परे है। इसीलिए चाणक्य प्रेम को सादगी का ही रूप मानते हैं। उनके मुताबिक जो दिखावा करते हैं वो स्वार्थी कहलाते हैं, जबकि प्रेम में तो समर्पण की जरूरत होती है।
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि प्रेम के रिश्ते में बंधे दो लोगों को एक-दूसरे पर अटूट विश्वास होना चाहिए। उनके मुताबिक जिस रिश्ते में विश्वास होता है वो हर चुनौती से जीतने में सफल होता है। साथ ही, चाणक्य कहते हैं कि रिश्तों में आजादी का होना बहुत जरूरी है। कौटिल्य के अनुसार जिन रिश्तों में आजादी नहीं होती है, वो कुछ समय बाद ही ऊबने लगते हैं और कैद महसूस होने पर रिश्ता खत्म कर लेना चाहते हैं।