मध्य प्रदेश
250 अमेरिकी फंसे : 22 साल की गुजराती लड़की ने USA में किया फ्रॉड
Paliwalwaniग्वालियर : मध्य प्रदेश की ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाली इंटरनेशनल गैंग को पकड़ा है. पुलिस ने बहोड़ापुर के आनंद नगर से फर्जी कॉल सेंटर चला रही एक 22 साल की लड़की सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. गैंग की सबसे अहम सदस्य मोनिका ZOOM एप के जरिए USA के लोगों को वीडियो कॉल करती थी और लोग उसके झांसे में आकर रुपये लुटा देते थे.
जानकारी के मुताबिक, मोनिका खुद को लैंडिंग क्लब अमेरिकन कंपनी का एजेंट बताती और फिर लोन ऑफिर करती थी. लोन में मोटी रकम फाइनेंस करने के बाद वह अपना कमीशन इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर के रूप में लेती थी. वाउचर को गिरोह के मास्टर माइंड शॉपिंग में कैश करा लेते थे. क्राइमब्रांच को इस फर्जी कॉल सेंटर से एक दर्जन से ज्यादा लैपटॉप, मोबाइल सहित अन्य सामान मिला है. गिरोह से सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वे लोग अभी तक 250 से ज्यादा अमेरिकी लोगों को ठग चुके हैं.
क्राइमब्रांच ने मौके से 6 लड़के, 1 लड़की को गिरफ्त में लिया
क्राइमब्रांच ने बहोड़ापुर के आनंद नगर में एक मकान में छापा मारा, जहां फेक इंटरनेशनल कॉल सेंटर चल रहा था. क्राइमब्रांच ने मौके से 6 लड़के, 1 लड़की को गिरफ्त में लिया. यहां से लैपटॉप, मोबाइल, रजिस्टर व अन्य सामान जब्त किया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये एक इंटरनेशनल फ्रॉड कॉल सेंटर है. गुजरात के अहमदाबाद में बैठा मास्टरमाइंड अपने सहायक के साथ कॉल सेंटर चला रहा था. कॉल सेंटर से पकड़े गए लोगों आगरा निवासी आशीष कैन, आकाश कुशवाहा, कुनाल सिंह,तरुण कुमार, अहमदाबाद निवासी रोहित शर्मा, सागर और मोनिका शामिल हैं. मोनिका अपनी मीठी-मीठी बातों से फंसाने का काम करती थी. सभी लोग इंग्लिश में एक्सपर्ट हैं. इनको अमेरिकन एक्सेंट की जानकारी थी. इससे अमेरिकन ग्राहक आसानी से इनके जाल में फंस जाते थे.
मोनिका वीडियो कॉल के जरिए अमेरिकियों को अपनी बातों के जाल में फंसाती थी
कॉल सेंटर संचालक इन लोगों को विदेशी लोगों के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराते थे. गैंग के लोग ZOOM एप सॉफ्टवेयर के जरिए खुद को लेंडिग क्लब अमेरिकन कंपनी का एजेंट बताकर उन लोगों से बात करते थे. मोनिका वीडियो कॉल के जरिए अमेरिकियों को अपनी बातों के जाल में फंसाती थी. विदेशी उनकी बातों में आकर अपना सिक्योरिटी नंबर और बैंक की जानकारी दे देते थे. जानकारी को वेरिफाई करने के नाम पर उनसे कमीशन के रूप में इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर जैसे गूगल प्ले कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, बेस्ट बाई, एप्पल, बनीला बीजा ले लेते थे. विदेशियों से मिले गिफ्ट वाउचर को गिरोह का मास्टर माइंड शॉपिंग के जरिए कैश कर लेता था.