इंदौर
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र…बोरवेल से बच्चों को बचाने के लिए ‘बोरवेल एक्ट ‘लागू करें शिवराज सरकार “
sunil paliwal-Anil paliwal? “वेल ऑफ़ डेथ ईवेन्ट” नहीं बनाये बोरवेल घटनाओं को शिवराज सरकार ‘
? “दो सालों से लगातार बोरवेल घटनाओं को रोकने में असफल रहीं शिवराज सरकार “
इंदौर :
शिवराज सरकार की कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था का ज्वलंत उदाहरण बोरवेल से बच्चों के जीवन की रक्षा करने में लगातार असफल रहना हैं।⬇️ बोरवेल की घटनाओं से यह सिद्ध होता हैं की मुख्यमंत्री के आदेशों को प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं।मुख्यमंत्री अनेक बार घोषणा करके भूल गये हैं की बोरवेल की घटनाओं के लिए सख़्त नियम और सुरक्षा के उपाय लागू करना हैं।
म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेशसचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं की मुख्यमंत्री के लिए बोरवेल में बच्चों के गिरने का घटनाक्रम होने के बाद मुख्यमंत्री की मीडिया में सक्रियता सिर्फ़ स्यंम की टीआरपी बढ़ाने का सुनियोजित प्रायोजित कार्यक्रम रहता हैं।⬇️
शिवराज सरकार ने बोरवेल घटनाओं को राजनैतिक फ़ायदे के लिए “वेल ऑफ़ डेथ ईवेन्ट “ बना दिया हैं। मुख्यमंत्री रात भर जागकर भाव विभोर होकर बोरवेल से बच्चे को निकालने में एड़ी चोटी का ज़ोर ट्वीट करने एंव मॉनिटरिंग करने में लगा देते हैं यदि बच्चा ज़िंदा रहे तो ईनाम और अगर मौत के मुँह में समा जाये तो मुआवज़ा बॉंट देते हैं।मतलब यह की दोनों हाथों में लड्डू लेकर चलते हैं।
लेकिन बोरवेल की घटनाएँ न हो पाये इसके लिए मुख्यमंत्री एक भी सकारात्मक प्रयास नहीं करते हैं न ही बनाये गये नियमों को सख़्ती से लागू करते हैं। यह प्रदेश की विडम्बना हैं की बच्चों की मौत का लाइव प्रसारण करके मुख्यमंत्री फ़ायदा लेने की पूर्ण नौटंकी नियमित करते हैं। प्रदेश कांग्रेस नेता यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मॉंग की हैं की प्रदेश में विशेष अधिनियम के अंतर्गत बोरवेल एक्ट लागू किया जाये। बोरवेल एक्ट में सख़्त नियम क़ानून तत्काल प्रभाव से लागू किये जाना चाहिए
? बोरवेल एक्ट के अंतर्गत निम्न नियम लागू किये जाये
(1) बोरवेल एक्ट के अंतर्गत प्रदेश में सार्वजनिक स्थान पर बोरवेल करने के पूर्व क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन एंव स्थानीय जनप्रतिनिधि को लिखित सूचना देने के बाद बोरवेल पर ठक्कन लगाकर सुरक्षित करने की जानकारी फ़ोटो सहित देना अनिवार्य किया जायें।
(2) बोरवेल एक्ट के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों खेत खलिहानों एंव सार्वजनिक स्थानों में पानी नहीं निकलने पर बोरवेल को ऐसे ही खुला छोड़ दिया जाता हैं।जिसकी वजह से बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएँ होती हैं।इस हेतु समस्त बोरवेल वाहनों के लिए सूखें बोरवेल (बिना पानी वाले) वापस बंद कराने की ज़िम्मेदारी तय करने के नियम एंव क़ानून लागू करना चाहिए ।
(3) बोरवेल एक्ट के अंतर्गत बोरवेल घटनाओं को रोकने के लिए बोरवेल मशीन के मालिक एंव बोरवेल कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ ग़ैर ज़मानती धाराओं में ग़ैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज तत्काल करना चाहिए।
(4) बोरवेल एक्ट के अंतर्गत शिवराज सरकार को बोरवेल एप बनाना चाहिए जिसमें बोरवेल होने के पश्चात समस्त सुरक्षित उपाय करके फ़ोटो एंव विडियो लोकेशन सहित अपलोड एप पर करना अनिवार्य होना चाहिए।इससे बोरवेल की संख्या का निर्धारण भी हो जाएगा ।
(5) बोरवेल एक्ट के अंतर्गत यह प्रावधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए की भविष्य में बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटना घटित होती हैं तो तत्काल प्रभाव से बोरिंग मशीन को राजसात किया जाये एंव बोरिंग मशीन की लागत का पचास प्रतिशत जुर्माना लिया जाये ।
प्रदेश कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव के अनुसार शिवराज सरकार को तत्काल बोरिंग एक्ट लागू करके बच्चों का जीवन सुरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाना चाहिए ।