इंदौर

कृष्ण जैसे राजा और सुदामा जैसे स्वाभिमानी ब्राह्मण भारत भूमि पर ही होते हैं, पं. ऋषभदेव का सम्मान

sunil paliwal-Anil Bagora
कृष्ण जैसे राजा और सुदामा जैसे स्वाभिमानी ब्राह्मण भारत भूमि पर ही होते हैं, पं. ऋषभदेव का सम्मान
कृष्ण जैसे राजा और सुदामा जैसे स्वाभिमानी ब्राह्मण भारत भूमि पर ही होते हैं, पं. ऋषभदेव का सम्मान

श्रीजी वैली पर चल रहे सात दिवसीय भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन-पं. ऋषभदेव का सम्मान

इंदौर : कलियुग में मित्रता को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत है। ऊंचे पदों पर बैठे लोगों को अपने बाल सखाओं के दुख-दर्द में भागीदार बनने का संदेश भी इसी प्रसंग से मिलता है। यह भारत भूमि का ही पुण्य प्रताप है कि यहां कृष्ण जैसे राजा और सुदामा जैसे स्वाभिमानी ब्राह्मण हुए। जिस दिन राजमहलों के दरवाजे झोपड़ी में रहने वालों के लिए खुल जाएंगे, उस दिन देश का प्रजातंत्र सार्थक हो उठेगा।

ये दिव्य विचार है बाल व्यास आचार्य पं. ऋषभदेव के, जो उन्होंने भिचौली मर्दाना स्थित श्रीजी वेली पर चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष प्रसंग के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर कृष्ण-सुदामा मिलन का भावपूर्ण उत्सव भी मनाया गया ।

अनेक भक्तों की आंखें यह प्रसंग सुनकर सजल हो उठी।  संयोजक नितिन मालवीय के साथ विधायक गोलू शुक्ला, पिंटू उमेश शर्मा, महेंद्र शुक्ला,अंकुर मिस्त्री , विकास मिश्रा,शिवकुमार पचोरी, विकास खींची आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। विद्वान वक्ता की अगवानी मालवीय परिवार ने की। संध्या को आरती में सैकड़ो भक्तों ने भाग लिया। संयोजक नितिन मालवीय ने बताया कि इस अवसर पर बाल व्यास आचार्य ऋषभदेव का सम्मान भी किया गया।

आचार्य पं. ऋषभदेव ने कहा कि कृष्ण और सुदामा का मिलन राजमहल और झोपड़ी के मिलन जैसा है। जिस दिन आज के राजा अपने महलों के दरवाजे सुदामा जैसे आम आदमी के लिए खोल देंगे, उसी दिन देश में फिर से कृष्ण युग और मजबूत हो जाएगा। कृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरी दुनिया में अनूठा उदाहरण है। मित्रता के नाम पर स्वार्थ और मोह-माया से बंधे रिश्ते ज्यादा दिनों तक नहीं चलते। कृष्ण-सुदामा जैसा मैत्री भाव पूरे विश्व में होना चाहिए।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News