इंदौर

indore news : युवाओं में बड़े हार्ट अटैक के मामले चिंता जनक : दिनचर्या में बदलाव और योग अत्यंत जरूरी : डॉ. गुरुदत्ता आनंद अमीन

sunil paliwal-Anil Bagora
indore news : युवाओं में बड़े हार्ट अटैक के मामले चिंता जनक : दिनचर्या में बदलाव और योग अत्यंत जरूरी : डॉ. गुरुदत्ता आनंद अमीन
indore news : युवाओं में बड़े हार्ट अटैक के मामले चिंता जनक : दिनचर्या में बदलाव और योग अत्यंत जरूरी : डॉ. गुरुदत्ता आनंद अमीन

कोरोना के बाद हार्टअटैक के मामलों में भी काफी इजाफा हुआ...!!

इंदौर :

इंदौर युवाओं में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले अत्यंत चिंताजनक है कम उम्र के युवा अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं. युवाओं को चाहिए कि वह खुद को अपनी दिनचर्या प्रकृति के करीब ले जाएं. योग  के साथ ही खान पर खानपान में भी परिवर्तन अत्यंत जरूरी है. इसका साथ ही आयुर्वेद और पंचकर्म से भी इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

यह बात माधवबाग संस्थान के डॉ गुरुदत्ता आनंद अमीन ने कही। डॉ अमीन माई मंगेशकर सभागृह में माधवबाग संस्थान के 'हृदय रोग मुक्त भारत' अभियान के तहत आयोजित एक जन जागरूकता सेमिनार में कही.

सेमिनार में पंचकर्म और आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अमीन ने हर उम्र के लोगों के ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग से जुड़े सवालों के जवाब दिए और भ्रांतियों को दूर किया. उन्होंने बताया कि एक संयमित और नियमित खानपान से इन बीमारियों पर नियन्त्रण के साथ ही निजात पाई जा सकती है.

स्वास्थ्यवर्धक भोजन, आहार में फाइबर की भूमिका, पानी का सेवन आदि पर बात करके हम मरीज की खानपान संबंधी भ्रांति भी दूर करते है. इस सेमिनार में बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग आए थे जो कि ब्लड प्रेशर शुगर और हार्ट की बीमारियों से पीड़ित थे है ना इस दरमियान लोगों ने अपनी बीमारियों को लेकर खुलकर बात की और प्राकृतिक तरीकों से उनके उपचार के तरीके जाने. 

माधवबाग संस्थान के स्वप्निल मंडोले ने बताया कि वर्तमान समय में ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और शुगर जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. युवा भी इन बीमारियों की चपेट में आ रहे है. कोरोना के बाद हार्ट अटैक के मामलों में भी काफी इजाफा हुआ है. इसी को देखते हुए ये जन जागरूकता अभियान आयोजित किया जा रहै है.  

लोगों को  पंचकर्म उपचार, प्राणायाम, ध्यानधारणा, सौम्य व्यायाम और आयुर्वेदिक आहार लेने की सलाह दी जाती है, जिससे लिपिड प्रोफाइल में सुधार के साथ साथ रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों की अंदरूनी दीवारों पर चर्बी, कोलेस्ट्राल और अन्य पदार्थ संचयित ना हो पायें.

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