इंदौर
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागार में राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का शुभारंभ
Paliwalwaniनई शिक्षा नीति के साथ बढ़ेगा उच्च शिक्षा विभाग श्री मोहन यादव
वंदना जोशी...✍️
इंदौर :
ज्ञान विज्ञान के साथ सभी विषय में हमारे विद्यार्थी दक्ष हो यही नीति नई शिक्षा नीति की है। जिसके आधार पर उच्च शिक्षा विभाग आगे बढ़ रहा है। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री माननीय श्री मोहन यादव ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय खंडवा रोड सभाग्रह में कही। अवसर था म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय भाषण व फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का। बुधवार को आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री माननीय श्री मोहन यादव ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ स्वागत बेला में उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव जी का स्वागत देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन और अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग इंदौर किरणबाला सलुजा ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रज्ञा कथा के प्रांत संयोजक मिलिद दांडेकर, अरिबिंदो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. महक भंडारी सेज विश्वविद्यालय के कुलपति अरूण अकुर का स्वागत अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्री द्विवेदी, डोलकर विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेश सिलावट एवं श्री अटल बिहारी बाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनूप व्यास ने किया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव जी ने कहा कि यह प्रतियोगिता केवल फैंसी ड्रेस की नहीं है बल्कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से हमारे स्वतंत्रता प्राप्ति के महानायकों के चरित्र को अपने चरित्र में अपनाने का प्रयास है, जो यह विद्यार्थी कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमारा देश और इसके नायक देश, काल और परिस्थिति के साथ अपनी भूमिका निभाते आए है। इस बात को हमने करोना काल में प्रमाणित कर दिखाया और केवल एक साल के अंदर करोना जैसी महामारी की दवा ईजाद कर दिखाई।
माननीय मंत्री ने कहा कि सभी शिक्षकों का यह दायित्य है कि ये देश की जरूरत के आधार पर विद्यार्थियों को ठोस कदम उठाना सिखाए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रज्ञा कथा के प्रांत संयोजक ने अपने उदबोधन में कहा कि हमे 1947 में भले ही स्वाधीनता मिल गई हो पर स्वतंत्रता के लिए हम अभी तक प्रयासरत है। यह स्वतंत्रता इसे अंग्रेजी तंत्र से बाहर निकलकर ही मिल सकती है। इस तंत्र से बाहर निकलने में हमारी शिक्षा नीति ही हमारा हथियार है।
कार्यक्रम में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के अंतर्गत लक्ष्मीबाई पदमावती तात्याहीपे देवी अहिल्याबाई होलकर, महात्मा गांधी बने विद्यार्थी नजर आए। मध्यप्रदेश के सभी सभागों से आए प्रतियोगियों ने न सिर्फ फैंसी ड्रेस में बल्कि भाषण प्रतियोगिता में भी अपने विचारों से सभी को चौका दिया।
भाषण का विषय प्राकृतिक विपदाओं का निराकरण भारत की ज्ञान परम्परा में निहित है था। कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वासुदेव लोखंडे को सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी परपोती मिथिला लोखंडे ने ग्रहण किया। इस मौके पर प्रांतीय नोडल अधिकारी विश्वास चौहान की पुस्तक स्वाधीनता एवं स्वतंत्रता का विमोचन किया गया।
इस मौके पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की सदस्य डॉ. सुनिता जोशी प्रो. अरूणा कुसुमाकर प्राचार्य मधु तिवारी एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहें। निर्णायक की भूमिका महिला बाल विकास की सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक डॉ. मंजुला तिवारी डॉ. नुतन कुलश्रेष्ठ और डॉ. पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने निभाई। आभार देवीअहिल्या विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय वर्मा ने माना। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।