इंदौर
वर्कआउट के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचे : डॉ. प्रीति शुक्ला
sunil paliwal-Anil paliwalइंदौर : वर्कआउट के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचे और इसके कारण पर क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित वेबिनार में हुई विशेष चर्चा में स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट डॉ प्रीति शुक्ला ने जानकारी दी।
आहार विशेषज्ञ एवं सर्टिफाइड स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट डॉ प्रीति शुक्ला ने बताया की आजकल काफी सुनने में आ रहा है की जिम में या वर्कआउट के दौरान ही कई लोगो को हार्ट अटैक आ जाता है तो क्या जिम इसके जिम्मेदार है या फिर खान पान और बिगड़ी हुई जीवनशैली, तो जवाब मिलेगा जीवनशैली।
काफी सारे लोगो को कोविड हुआ था और उसके कारण भी खून का थक्का बनाने की प्रवृत्ति बढ़ गई है और इसके ऊपर रिसर्च भी चल रही है, क्योंकि सडन कार्डियक डेथ रेट अभी काफी बढ़ा हुआ है। अब हमे फिटनेस के प्रति जागरूक होना जरूरी हो गया है।
हम जिम जा रहे है लेकिन सबसे पहले जिम जाते ही हमे खूब सारे सप्लीमेंट पकड़ा दिए जाते है, तो सबसे पहले आप अपने सप्लीमेंट्स का चुनाव एक ज्यूडिशियल तरीके से कीजिए क्योंकि सारे सप्लीमेंट्स की जरूरत आपको नही है आपको अपनी बॉडी टाइप और जरूरत के हिसाब से ही सप्लीमेंट लेने है, बिना जरूरत के लिए गए सप्लीमेंट से भी कार्डियक आर्थेमिया होते है।
एक और कारण जो सामने आया है की लोग आजकल काफी सारे बुलेट शॉट्स या कॉफी का इंटेक कर रहे है लेकिन दिन की सिर्फ दो कप कॉफी यानि 60 से 70 किलो बॉडी वेट लिए 120 से 200 मिलीग्राम कैफीन काफी है इसके ज्यादा कैफ़ीन पार्ट लेने से कार्डियक आर्थेमिया, स्लीप डिस्टर्बेंस होती है एवं बहुत ज्यादा काफी के सेवन से एंजायटी डिसऑर्डर भी हो रहे है। सबसे पहले अपना असेसमेंट करवाइए और फिर किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट को इंटेक करें सही गाइडेंस के साथ।
अल्कोहल इंटेक की यदि बात करें तो अब जीवनशैली में पार्टीज करना आम बात हो गई है , तो लोग खूब अच्छे से पार्टी करते है और अगले दिन सुबह उस पार्टी को कंपनसेट करने लिए जिम या वर्कआउट करते है एग्रेसिव तरीके से क्योंकि हमे लगता या लास्ट नाइट जो पार्टी करके हमने अपनी बॉडी को एब्यूज किया है, हम उसे कंपनसेट कर ले, ये बिलकुल गलत है. क्योंकि हम पार्टी के बाद प्रॉपर स्लीप नही ले रहे और बॉडी को नॉर्मल होने का समय नहीं दे रहे और जिससे एक्सेसिव कोर्टिसोल लेवल और अल्कोहल ब्लड में हानिकारक रूप से बढ़ता है. जिससे कार्डियक आर्थेमिया यानी इरेगुलर हार्ट रेट जिससे कार्डियक अरेस्ट की अधिक संभावना रहती है, इसलिए बॉडी को रिकवर होने का समय दीजिये।
एनाबोलिक स्टेरॉइड्स यानी जल्दी बॉडी बनाने लिए कुछ लोग इल्लीगल तरीके से इसे लेते है तो इसे अवॉयड करें क्योंकि यह सारे हार्मोन्स को डिस्टर्ब करते है और उससे कार्डियक फिटनेस और ज्यादा पूअर हो जाती है। कार्डियो वर्कआउट के ऊपर बहुत ज्यादा कम ध्यान दिया जाता है जिम में क्योंकि काफी जिम में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए कहते है , आपकी फिटनेस इतनी नही है और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते है तो उससे कोर्टिसोल लेवल बढ़ता है, जिससे काफी ज्यादा स्ट्रेस लेवल बढ़ता है और यदि समय के साथ हम इसे मेंटेन न करें और दिक्कत आजती है औरों कार्डियक अरेस्ट की संभावना रहती है इसलिए सबसे पहले अपनी फिटनेस के हिसाब से वर्कआउट प्लान करें।
तो क्या जिम या वर्कआउट इसका कारण है, नही। इसका कारण है जीवन शैली क्योंकि आपने शॉर्टकट अपनाने के चक्कर में जो परिणाम भुगतना पड़ा उससे ऐसा होता है। अपने बॉडी को प्रॉपर नरिश करें यदि हम एक्सरसाइज वर्कआउट के ऊपर जाना चाहते है तो बॉडी को प्रॉपर रेस्ट और स्लीप की जरूरत है। स्लीप डिस्टर्बेंस अभी काफी ज्यादा हो रहा है रात को दो तीन बजे सोने के बाद सुबह सुबह वर्कआउट के जाते है जो की गलत है, बॉडी को आठ घंटे की नींद रिकवरी के लिए चाहिए।
खाने पीने का डाइट भी बॉडी के लिए हिसाब से कुशल आहार विशेषज्ञ से ले और बॉडी जरूरत से ज्यादा ओवरट्रेनिंग न ले यह हानिकारक है और अपना फुल बॉडी चेकअप कराए ताकि अपने अंदर की कमी का पता करें ताकि अपने बॉडी की टॉलरेंस लेवल के अनुसार वर्कआउट प्लान करें।