इंदौर
जन्माष्टमी पर जन्मोत्सव की धुम मचेगी -आप सादर आमंत्रित
Virendra Vyasइंदौर। पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर के ऊर्जावान, दबंग, युवा समाजसेवी, भाजपा नेता श्री भावेश दवे ने पालीवाल वाणी को बताया कि तिलक पथ चौराहा इंदौर पर जन्माष्टमी के आयोजन की कमान युवा साथियों के साथ रहती है। जन्माष्टमी के पर्व पर भव्य आरती के पश्चात् महाप्रसादी का दौर देर रात चलता रहता है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 25 अगस्त 2016 को जन्माष्टमी के आयोजन की भागदौड़ सर्वश्री भावेश दवे, तुषार मिश्रा, तुषार गवाड़े, अश्विन भतकारिये, कमलेश जोशी सहित अनेक संगठनों के साथ-साथ कई समाजसेवी युवा साथियों का अतुल्य योगदान रहता है।
आप सादर आमंत्रित
श्री भावेश दवे ने पालीवाल वाणी को बताया कि पालीवाल समाज, मेनारिया समाज के बंधुओं से विशेष आग्रह किया है जन्माष्टमी पर आप सभी उपस्थिति प्रार्थनीय है।इस आयोजन में आप सभी अपने मित्रों एवं परिजनों को लाकर भव्य आरती एवं महाप्रसादी का लुप्त लेकर पुण्य लाभ जरूर कमाएं।
तिलक पथ चौराहा भी डुबा रहता है कृष्ण भक्ति
श्री भावेश दवे ने आगे बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन तिलक पथ चौराहा इंदौर पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर इंदौर कृष्णमय हो जाता है। इंदौर के मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
श्री भावेश दवे ने आगे बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया। भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अतरू इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी के साथ देश, विदेशों ओर इंदौर में भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती हैं।