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पाकिस्तान में भारत के डर से इस मुस्लिम देश ने भेज दिया जंगी पोत
Paliwalwani
नई दिल्ली. पाकिस्तान अपने पोर्ट सिटी कराची और लाहौर को लेकर सबसे ज्यादा फिक्रमंद है. दो दिन पहले वहां उड़ानों पर कुछ समय के लिए रोजाना पाबंदी लगाने की घोषणा हुई थी. पीएम नरेंद्र मोदी के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पड़ोसी आतंकिस्तान को आगाह किया है कि पहलगाम के गुनहगारों को भयावह सजा दी जाएगी. ऐसे में पाकिस्तान ने अपने कराची को बचाने के लिए एक मुस्लिम देश को मदद के लिए बुला लिया है.
क्या पाकिस्तान के सपोर्ट में जंग लड़ेगा तुर्की?
हां, जिस तुर्किए (तुर्की) को भारत ने विनाशकारी भूकंप के बाद भारी भरकम मदद भेजी थी उसी एहसान फरामोश ने इस समय अपना एक जंगी पोत कराची पोर्ट पर लाकर खड़ा कर दिया है. वैसे, मीडिया में कहा जा रहा है कि यह गुडविल विजिट है लेकिन सभी जान रहे हैं कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस तरह के हालात बने हैं उसमें चीन के बाद यही मुस्लिम देश है जो पाकिस्तान का सुरक्षा कवच बनकर आगे आया है.
तुर्किए के इस कदम पर पूरी दुनिया की नजरें हैं. जैसे ही पहलगाम हमला हुआ था, उसने मिलिट्री प्लेन से पाकिस्तान को युद्धक सामग्री भेजी थी. अब उसने कराची पोर्ट पर अपनी नौसेना का एक पोत पहुंचा दिया है. एंटी-सबमरीन टेक्नोलॉजी से लैस इस तुर्किश शिप का नाम TCG BÜYÜKADA है. इस पोत के कराची पहुंचते ही पाकिस्तान की सेना जोश में आ गई है. पाक नेवी की ओर से बताया गया है कि तुर्किए का शिप दोनों नेवल फोर्सेज के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देगा. वैसे भी तुर्की कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान की भाषा बोलता रहा है.
कराची में तुर्की नौसेना के अधिकारी पाकिस्तान सैनिकों के साथ पेशेवर संवाद करेंगे. खबर है कि दोनों नौसैनिक सैन्य अभ्यास करने वाले हैं. यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि 22 अप्रैल की आतंकी वारदात के बाद अरब सागर में दोनों तरफ से नौसेनाओं ने अभ्यास किया है. अब तुर्की जिस तरह पाकिस्तान के साथ खुलकर आया है, आने वाले दिनों में भारत और तुर्की के बीच संबंध बिगड़ सकते हैं. तुर्की के खिलाफ कड़े फैसले लेने की मांग अभी से होने लगी है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य हथियारों का सप्लायर देश है. वह ड्रोन, युद्धपोत, एंटी-टैंक हथियार देने के साथ-साथ पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को भी अपडेट कर रहा है.