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पश्चिमी देशों के साथ तोड़ सकते हैं कूटनीतिक संबंध : प्रतिबंधों के खिलाफ रूस की चेतावनी
Paliwalwaniरूस. रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को चेतावनी दी कि पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंधों के नए स्तर पर जाने के बाद मॉस्को अमेरिका के साथ अंतिम परमाणु हथियार समझौते से बाहर निकलकर पश्चिमी प्रतिबंधों का जवाब दे सकता है. पश्चिमी देशों के साथ राजनयिक संबंध काट सकता है और उनकी संपत्ति को फ्रीज कर सकता है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने भी चेतावनी दी कि यूरोप के शीर्ष अधिकार समूह से हटाए जाने के बाद मास्को मौत की सजा को बहाल कर सकता है.
प्रतिबंधों ने रूसी वित्तीय संचालन पर नए कड़ी पाबंदियां लगाई हैं, रूस को प्रौद्योगिकी निर्यात पर कठोर प्रतिबंध लगाया और पुतिन व उनके विदेश मंत्री की संपत्ति को फ्रीज कर दिया. वाशिंगटन और उसके सहयोगियों का कहना है कि वैश्विक वित्तीय लेनदेन के लिए प्रमुख प्रणाली SWIFT (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनीकेशन) से रूस को बाहर निकालने सहित और भी सख्त प्रतिबंध संभव हैं.
मेदवेदेव ने कहा, ‘हमें हर जगह से बाहर निकाला जा रहा है, दंडित किया जा रहा है और धमकी दी जा रही है, लेकिन हमें डर नहीं लगता है.’ उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का मखौल उड़ाते हुए कहा कि ये अफगानिस्तान से कायरतापूर्ण वापसी की तरह ही उनके पूर्व के शर्मनाक फैसलों की तरह ही है. राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मेदवेदेव को व्यापक रूप से पुतिन की तुलना में अधिक उदार के रूप में देखा गया था, लेकिन शनिवार को उन्होंने कई धमकियां दीं.
यूक्रेन पर आक्रमण करने के फैसले पर कई देशों ने जताई आपत्ति
यूरोपीय यूनियन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की संपत्तियां फ्रीज करने के निर्णय पर सहमति के बेहद करीब है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह के कदम से वे कितनी बुरी तरह प्रभावित होंगे या फिर यह केवल प्रतीकात्मक होगा. पुतिन और लावरोव की संपत्ति को फ्रीज करने का निर्णय इंगित करता है कि पश्चिमी देश पुतिन को रूस के पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमले और यूरोप में एक बड़े युद्ध को शुरू करने से रोकने के लिए अभूतपूर्व उपायों की ओर बढ़ रहे हैं. रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था, जिसपर विभिन्न देशों के नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने का सिलसिला अब भी जारी है. कई देशों ने रूस की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबियों समेत विभिन्न नेताओं को सबक सिखाने की बात कही है.