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इजरायल-हमास युद्ध : शरीर पर टैटू बनवा रहे माता-पिता, पहचान हो सकें
24 October 2023 01:43 AM Paliwalwani
इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष में आम जनता भी निशाना बन रही है। खबर है कि इस मुश्किल हालात में गाजा में माता-पिता अपने बच्चोंके शरीर पर नाम गुदवा रहे हैं, ताकि अगर वे इजरायली हमले में मारे जाते हैं तो उनकी पहचान हो चुके हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि जारी संघर्ष में 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चों के हाथों और पैरों पर अरबी में उनके नाम गुदवाए जा रहे हैं। कुछ वीडियोज में नजर आ रहा है कि चार बच्चों की संघर्ष में जारी बमबारी में मौत हो गई थी। इनमें सभी चारों बच्चे मुर्दाघर में लेटे हुए नजर आ रहे हैं, जहां उनके पैरों पर नाम गुदे हुए हैं। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि इन बच्चों के माता-पिता जीवित हैं या नहीं।
कहा जा रहा है कि मौजूदा हालात में यह प्रक्रिया बेहद आम हो गई है। वीडियोज में नजर आ रहा है कि अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। बच्चों समेत कई घायल कॉरिडोर में लेटे हुए हैं।
इजरायली लड़ाकू विमानों ने रातभर और रविवार को पूरे गाजा में विभिन्न ठिकानों पर हमले के साथ सीरिया में दो हवाई अड्डों और वेस्ट बैंक में एक मस्जिद को निशाना बनाया, जिसका इस्तेमाल आतंकी कर रहे थे। इसके साथ ही, हमास के खिलाफ इजरायल का दो सप्ताह से जारी युद्ध अन्य मोर्चों पर भी भड़कने की आशंका है।
मजहब इस प्रथा की इजाजत नहीं देता
कई दिनों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इजरायल सात अक्टूबर के हमास के अप्रत्याशित हमले की प्रतिक्रिया के रूप में गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करने की तैयारी में है। सीमा पर टैंक और हजारों सैनिक लामबंद हो चुके हैं। इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हागेरी ने कहा कि देश ने गाजा में हवाई हमलों को बढ़ा दिया है, ताकि युद्ध के अगले चरण में सैनिकों के लिए जोखिम कम हो सके।
मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि गाजा में कई परिवार अपने बच्चों के शरीर पर उनके नाम के टैटू गुदवा रहे हैं, ताकि हमले में मारे जाने या घायल होने पर उनकी पहचान आसानी से की जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माता-पिता बच्चों के हाथ-पैरों पर अरबी भाषा में नाम गुदवा रहे हैं। सोशल मीडिया पर बच्चों की लाशों और उनके अंगों पर नाम लिखे हुए कुछ वीडियो सामने आने के बाद ये खुलासा हुआ है। इस्लाम को मानने वाले फिलिस्तीनी पहचान के निशान के तौर पर टैटू बनवा रहे हैं, हालाँकि उनका मजहब इस प्रथा की इजाजत नहीं देता है।