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ईरान ने रक्षा मंत्रालय के पूर्व अफसर को फांसी पर लटकाया : ब्रिटेन आग बबूला
Paliwalwaniतेहरान :
ईरान ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय के पूर्व अधिकारी अली रज़ा अकबरी को जासूसी के आरोप में फांसी पर लटका दिया. अली रज़ा अकबरी के पास दोहरी नागरिकता थी. वे ईरानी-ब्रिटिश नागरिक थे इसलिए उनकी मौत से ब्रिटेन का गुस्सा ईरान के लिए उबलने लगा है. दरअसल, ईरान का कहना है कि अली रज़ा ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी कर रहे थे, तभी उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने आरोप लगाया है कि अकबरी ने ब्रिटेन की गुप्त खुफिया सेवा के लिए एक स्रोत के रूप में काम किया, जिसे एमआई 6 के नाम से जाना जाता है. ईरान की न्यायपालिका द्वारा जारी एक लंबे बयान में दावा किया गया कि अकबरी को खुफिया सेवा को जानकारी प्रदान करने के लिए लंदन से मोटी रकम मिलती थी.
ऑडियो संदेश प्रसारित : अकबरी ने ईरान पर टॉर्चर करने का लगाया था आरोप
बीबीसी फ़ारसी-भाषा ने बुधवार को अकबरी का एक ऑडियो संदेश प्रसारित किया, जिसमें उन्होंने टॉर्चर किए जाने की बात कही है. अकबरी ने ऑडियो में कहा, “शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करके, उन्होंने मेरी इच्छा को तोड़ दिया, मुझे पागलपन की ओर धकेल दिया और मुझे जो कुछ भी करना था, उसे करने के लिए मजबूर किया. बंदूक के बल पर और जान से मारने की धमकी देकर उन्होंने मुझसे झूठे और भ्रष्ट दावों को कबूल करवाया.”
ईरानी अली रजा अकबरी की फांसी एक बर्बर कृत्य
अकबरी की मौत से पहले ब्रिटेन ने उनकी रिहाई की मांग की थी, लेकिन ईरान नहीं माना, तभी ब्रिटेन का गुस्सा भड़क उठा है. अकबरी की मौत के बाद ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने एक बयान में कहा, ‘ब्रिटिश-ईरानी अली रजा अकबरी की फांसी एक बर्बर कृत्य है, जिसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए. राजनीतिक रूप से प्रेरित इस कृत्य के माध्यम से, ईरानी शासन ने एक बार फिर मानव जीवन के लिए अपनी घोर उपेक्षा दिखाई है.’