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सूडान में भारी बारिश का कहर, 50 से ज्यादा की मौत, हजारों घर डूबे : तीन महीने तक आपातकाल
Paliwalwaniकाहिरा : सूडान में मौसमी मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ में अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 8,170 से अधिक मकान जलमग्न हो गए हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. सूडान की राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल-जलील अब्दुल रहीम ने कहा कि उत्तरी कोर्दोफन प्रांत में 19 लोगों की मौत हुई है, इसके बाद नील नदी प्रांत में सात लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी दारफुर क्षेत्र, जिसमें पांच प्रांत हैं, में 16 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने यह नहीं बताया कि पहली घटना कब हुई. सूडान का बरसात का मौसम आमतौर पर जून में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है, अगस्त और सितंबर में बाढ़ चरम पर होती है.
पिछले साल भी बाढ़ से 80 लोगों की मौत
देश की सरकारी ‘सुना’ समाचार एजेंसी के अनुसार, अब्दुल रहीम ने कहा कि इस साल अब तक कम से कम 25 लोग घायल हुए हैं. अब्दुल रहीम ने कहा कि बाढ़ और भारी बारिश से 16 सरकारी केंद्र और करीब 40 दुकानें जलमग्न हो गई हैं और देश भर में कम से कम 540 फेदान (एकड़) खेत क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने कहा है कि मई के बाद से पूर्वी अफ्रीकी देश में भारी वर्षा से अनुमानित 38,000 लोग प्रभावित हुए हैं. पिछले साल बाढ़ और भारी बारिश से 80 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और देश भर में हजारों मकान बाढ़ के पानी में बह गए थे.
तीन महीने तक आपातकाल
अधिकारियों ने 2020 में सूडान को एक प्राकृतिक आपदा क्षेत्र घोषित किया और बाढ़ और भारी बारिश के बाद देश भर में तीन महीने के लिए आपातकाल की स्थिति लागू कर दी और बाढ़ जनित घटनाओं में लगभग 100 लोगों की मौत हो गई और 100,000 (एक लाख) से अधिक मकान जलमग्न हो गए.