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ऐसे पड़ोसी से जुड़ना मुश्किल जो भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, पाक के साथ भारत के रिश्तों पर बोले विदेश मंत्री
Paliwalwaniनई दिल्ली. बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर कटाक्ष किया. जयशंकर ने कहा कि एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है, जो भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है. विदेशमंत्री ने पनामा सिटी में पनामा के विदेश मंत्री जनैना तेवाने मेंकोमो के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. प्रेस ब्रीफिंग के बाद स्वास्थ्य और व्यापार से संबंधित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई.
जयशंकर ने कहा, ‘इस मुद्दे पर लब्बोलुआब यह है कि हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी से जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है. हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने, प्रायोजित करने और उसे अंजाम नहीं देने की प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा. हमें उम्मीद है कि एक दिन हम उस मुकाम पर पहुंचेंगे.‘ विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-लैटिन अमेरिका व्यापार कार्यक्रम में भी भाग लिया और दस महत्वपूर्ण कारणों पर प्रकाश डालते हुए एक मुख्य भाषण दिया कि क्यों भारत-पनामा व्यापार सहयोग की मजबूत संभावनाएं हैं.
पनामा के बाद कोलंबिया जाएंगे विदेश मंत्री
पनामा की यात्रा के बाद, विदेश मंत्री 25 अप्रैल को विदेश मंत्री कोलंबिया की यात्रा पर जाएंगे जहां वे सरकार, व्यापार और नागरिक समाज के कई शीर्ष प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि उनकी कोलंबिया यात्रा देश की पहली विदेश मंत्री स्तर की यात्रा होगी.
डोमिनिकन गणराज्य भी जाएंगे विदेश मंत्री
जयशंकर और कोलंबिया के समकक्ष अल्वारो लेवा डुरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, कोलंबिया की अपनी यात्रा के बाद, जयशंकर डोमिनिकन गणराज्य जाएंगे. डोमिनिकन गणराज्य की यात्रा 1999 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से भारत की ओर से उच्चतम स्तर की यात्रा है. जयशंकर की यात्रा 2022 में सेंटो डोमिंगो में भारत के रेजीडेंट दूतावास की स्थापना के बाद हो रही है.
देश के राजनीतिक नेतृत्व को बुलाने के अलावा, विदेश मंत्री विदेश मंत्री रॉबर्टो अल्वारेज़ के साथ चर्चा करेंगी. दोनों नेता औपचारिक रूप से भारतीय निवासी मिशन का उद्घाटन करेंगे. विदेश मंत्री के डोमिनिकन गणराज्य के विदेश मंत्रालय में व्याख्यान देने की भी उम्मीद है.