स्वास्थ्य
Health : पाइल्स के इलाज में रामबाण साबित हो सकता है मूली का सेवन, जानिए कैसे
Pushplataपाइल्स को बवासीर या हेमोराइड के नाम से भी जाना जाता है। गुदा या केनल और मल मार्ग में और उसके आसपास सूजन आ जाती है। बवासीर में मलाशय से खून आता है और मल त्याग करने में परेशानी होती है। बवासीर वयस्कों में एक सामान्य स्थिति है जिसका इलाज न किए जाने पर बहुत दर्द और परेशानी हो सकती है।बवासीर से खून बहना बहुत ही दर्दनाक और भयानक होता है। पाइल्स अक्सर 45 साल की उम्र के बाद होता है और महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक होता है। इस लेख में हम पाइल्स के कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में जानेंगे और यह भी बताएंगे कि पाइल्स का इलाज घर पर कैसे किया जा सकता है।
क्या आप जानते हैं कि घर पर सलाद के रूप में खाई जाने वाली मूली बवासीर के इलाज में कितनी फायदेमंद हो सकती है? यह न केवल बवासीर को ठीक करने की क्षमता रखता है, बल्कि इस रोग की स्थिति को बिगड़ने से भी रोकता है। इन दिनों लाखों लोग पाइल्स की समस्या से जूझ रहे हैं और चाहते हैं कि कोई ऐसा उपाय हो जिससे वे इस समस्या से निजात पा सकें। ऐसे में मूली काफी कारगर हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप आहार में मूली को शामिल कर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन बंद कर दें।
फाइबर से भरपूर होती है मूली
मूली में बड़ी मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है, जो न केवल मल को नरम करने में मदद करता है बल्कि पाचन में भी मदद करता है। इसमें वाष्पशील तेल भी होता है, जो बवासीर के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है।
इस तरह से करें मूली का सेवन
आप सफेद रंग की मूली का प्रयोग इसके इलाज के लिये कर सकते हैं। इसे दो प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। शुरुआती दौर पर दर्द को दूर करने के लिये : 100 ग्राम मूली को घिस कर उसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में इसे दो बार खाएं। यह कब्ज से भी छुटकारा दिलाएगा। इसके अलावा सफेद मूली का पेस्ट बना कर उसमें थोड़ा दूध मिलाएं। इस पेस्ट को संक्रमित जगह पर लगाएं जहां पर दर्द और सूजन है। मूली की कुछ पत्तियां ले कर उन्हें धो लें और छाया में सुखा लें। सुखाने के बाद उनका पावडर बना लें। रोजाना इस पावडर का एक चम्मच करीबन 40 दिनों तक खाएं।
इस तरह से भी कर सकते हैं मूली का सेवन
सफेद मूली का पेस्ट बनाकर उसमें थोड़ा सा दूध मिलाएं। इस पेस्ट को दर्द और सूजन वाली जगह पर लगाएं। इसके अलावा मूली के कुछ पत्ते लें, उन्हें धोकर छाया में सुखा लें। सूखने के बाद इसका पाउडर बना लें। इस चूर्ण का एक चम्मच प्रतिदिन लगभग 40 दिनों तक सेवन करें।